Mahabharat 26th April Episode online Updates:  हस्तिनापुर की सेना देख कर मत्स्य देश के युवराज उत्तर की हालत खराब हो गई। जिसके बाद अर्जुन ने अकेले ही हस्तिनापुर के दिग्गजों से युद्ध करने का फैसला लिया। और उन्हें परास्त कर के रणभूमि छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। इससे पहले अर्जुन के धनुष की टंकार पहचान कर दुर्योधन ने पांडवों को उनके 12 वर्ष के पुन: वनवास की बात रखी। जिसके बाद पितामह ने कहा पांडवों के अज्ञात वास का समय पूर्ण हो चुका है। वहीं अर्जुन को युद्ध में देख कुलगुरु कृपा चार्य ने कहा अर्जुन को रोक पाना हम में से किसी एक के बस की बात नही हैं।

वहीं इससे पहले मत्स्य देश के राजा विराट की शरण में अपना अज्ञात वास काट रहे पांडवों को दुर्योधन के गुप्त चर ढूंढ पाने में नाकामयाब रहे हैं। जिस वजह से क्रोध में आकर दुर्योधन अपने गुप्त चरों मारना चाहता है। किंतु अंग राज कर्ण उसे ऐसा नहीं करने देता है और समझाता है कि अगर पांडवों का अज्ञाज वास पूरा भी हो जाए तब भी कोई चिंता की बात नहीं वो अगले वर्ष तक जिंदा नहीं रहेंगे। जब दुर्योधन और कर्ण ये बात कर रहे होते हैं तभी दुशासन वहां आता है और उन्हें सूचना देता है कि मत्स्य देश का सेना पति महाबली कीचक को मौत के घाट उतार दिया गया है।

वहीं कीचक का वध करवाने की शपथ लेने वाली द्रौपदी का वचन भीम ने पूरा कर दिया था। भरी सभा में द्रौपदी को स्पर्श करने का पाप करने के उपरांत जब युधिष्ठिर ने ये सब देख कर भी कुछ नहीं कहा तो द्रौपदी ने युधिष्ठिर को कायर तक कह डाला। लेकिन अपनी मर्यादाओं का पालन करते हुए धर्मराज युधिष्ठिर ने द्रौपदी को सारंतरी कह कर संबोधित करते हुए सभा से समाझा कर वापस भेज दिया था। जिसके बाद द्रौपदी ने भीम से उसकी लाज रखने की मांग की। जिसके बाद भीम ने उससे कहा कि तुम कीचक को अपनी बातों के जाल में फंसा कर रात में बुलाओ मैं वहीं उसके प्राणों का अंत कर दूंगा। द्रौपदी के प्रेम जाल में फंस कर उससे रात में मिलने पहुंचे कीचक से घोर युद्ध के बाद भीम ने उसका वध कर दिया।

 

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Highlights

    20:09 (IST)26 Apr 2020
    अपने असली रूप में आए पांडवों को देख कांपा विराट देश का राजा

    अपने अज्ञात वास का एक साल पूरा करने के बाद पांडव अपने असली रूप में आ गए हैं। जिसके बाद मत्स्य देश का राजा उन्हें देख कर डर गया। उसने कहा कि मैंने जाने अनजाने में आप सभी का बहुत अपमान किया है जिसके लिए मुझे माफ कर दीजिए और इस मत्स्य देश पर अपनी कृपा बनाए रखिए।

    19:54 (IST)26 Apr 2020
    अर्जुन ने युवराज उत्तर को बताया युधिष्ठिर धर्मराज हैं

    स्त्री वेष में मत्स्य देश में अपना आखिरी दिन बिता रहे अर्जुन ने ज्ञान दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे बड़े भाई युधिष्ठिर धर्मराज हैं। उन्होंने ये भी समझाया कि किसी की पराजय पर उसकी हंसी ना उड़ाओ। सबको एक समान समझो। 

    19:51 (IST)26 Apr 2020
    उत्तरा ने अर्जुन से पूछा मेरे लायक कौन सा योद्धा है

    मत्स्य देश के राजा की पुत्री उत्तरा ने स्त्री का वेष बना कर उनके महल में बैठे अर्जुन से पूछा मेरे कंठ में माला डालने लायक कौन सा योद्धा है। इसके बाद अर्जुन ने कहा कि तुम्हाराे कंठ में माला डालने लायक एख ही योद्धा है और उसका नाम अभिमन्यु है। वो श्री कृष्ण का भांजा है और अर्जुन का पुत्र है।

    19:40 (IST)26 Apr 2020
    जीत कर आए युवराज का हो रहा स्वागत

    मत्स्य देश के राजा ने अपने पुत्र का हस्तिनापुर की सेना को हराने के बाद जोरदार स्वागत किया है। लेकिन वो इस बात से अज्ञात हैं कि अर्जुन ने हस्तिनापुर की सेना को भगाया है।

    19:30 (IST)26 Apr 2020
    मत्स्य देश के राजा को हस्तिनापुर से विजय होने का विश्वास नहीं हुआ

    मत्स्य देश के राजा को अपने पुत्र की बहुत चिंता हो रही थी। इतने में एक दासी ने आकर बताया कि युवराज ने हस्तिनापुर की सेना को हरा दिया है। इस बात का राजा को यकीन नहीं हो रहा है। वो अपने पुत्र की विजय पर फूले नहीं समा रहे हैं।

    19:27 (IST)26 Apr 2020
    हस्तिनापुर के वीरों को परास्त कर मत्स्य देश लौटा अर्जुन

    मत्स्य देश के युवराज के साथ हस्तिनापुर के महावीरों को हराकर अर्जुन एक बार फिर मत्स्य देश लौट गया है। अर्जुन ने युवराज से कहा कि आप अब रथ में बैठ जाइये और मैं सारथी बनकर जाउंगा।

    19:20 (IST)26 Apr 2020
    अर्जुन ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए हस्तिनापुर के सभी वीरों को किया परास्त

    मत्स्य देश पर हमला करने आए हस्तिनापुर के एक से एक सूरमा और योद्धाओं को अर्जुन ने अपने बाणों से धराशाई कर दिया है। हालांकि अर्जुन ने किसी को भी मौत के घाट नहीं उतारा। किंतु उसने अपने गुरु द्रोण, अश्वथामा, कर्ण, दुर्योधन, कृपा चार्य और पितामह भीष्म को अकेले ही परास्त कर दिया है। इस दौरान कर्ण को अर्जुन ने दो बार मैदान छोड़ कर भागने पर विवश कर दिया।

    19:11 (IST)26 Apr 2020
    कर्ण और अर्जुन का हुआ आमना सामना

    अर्जुन और कर्ण के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। इस दौरान अर्जुन ने कर्ण कौ मैदान छोड़कर भागने पर विवश कर दिया है।

    19:07 (IST)26 Apr 2020
    दुर्योधन की रक्षा करने के लिए युद्ध मैदान पर उतरे गंगा पुत्र भीष्म

    दुर्य़ोधन की रक्षा करने उतरे पितामह भीष्म ने अर्जुन को रोकने के लिए अपने धनुष में बाण चढ़ा लिया है। इस दौरान अर्जुन दुर्योधन का पीछा कर रहा है।

    19:02 (IST)26 Apr 2020
    पितामह ने दुर्योधन से कहा चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारी तरफ से यु्द्ध करूंगा

    पितामह भीष्म ने दुर्योधन से युद्ध ना करने का परामर्श दिया। किंतु दुर्योधन ने उसे ठुकराते हुए कहा कि आप युद्ध करेंगे या नहीं, जिसके बाद पितामह ने कहा कि महाराज ने मुझे तुम्हारे साथ युद्ध करने की आज्ञा देकर भेजा है तो युद्ध तो मुझे करना ही है। चाहे सामने मेरा पुत्र अर्जुन ही क्यों ना हो।

    18:55 (IST)26 Apr 2020
    पितामह ने दुर्योधन से कहा चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारी तरफ से यु्द्ध करूंगा

    पितामह भीष्म ने दुर्योधन से युद्ध ना करने का परामर्श दिया। किंतु दुर्योधन ने उसे ठुकराते हुए कहा कि आप युद्ध करेंगे या नहीं, जिसके बाद पितामह ने कहा कि महाराज ने मुझे तुम्हारे साथ युद्ध करने की आज्ञा देकर भेजा है तो युद्ध तो मुझे करना ही है। चाहे सामने मेरा पुत्र अर्जुन ही क्यों ना हो।

    18:48 (IST)26 Apr 2020
    दुर्योधन ने अर्जुन को पहचाना

    दुर्योधन ने अर्जुन के धनुष की प्रतियंचा सुनकर उसे पहचान लिया है। इस दौरान दुर्योधन ने पितामह भीष्म से कहा कि मैंने पांडवों का अज्ञाज वास भंग कर दिया है।  इस दौरान एक बार फिर अंग राज और गुरुद्रोण भिड़ गए हैं। 

    18:36 (IST)26 Apr 2020
    मत्स्य देश पर हमला करने पहुंचे हस्तिनापुर के योद्धा

    मत्स्य देश पर हमला करने के लिए दुर्योधन की सेना पहुंच गई है। इस बात की जानकारी मत्स्य देश के युवराज को गुप्तचर ने दी है। जिसके बाद वहां के युवराज ने कहा चिंता की कोई बात नहीं हैं। मैं सबको देख लूंगा। 

    13:03 (IST)26 Apr 2020
    दुर्योधन की रक्षा करने के लिए युद्ध मैदान पर उतरे गंगा पुत्र भीष्म

    दुर्य़ोधन की रक्षा करने उतरे पितामह भीष्म ने अर्जुन को रोकने के लिए अपने धनुष में बाण चढ़ा लिया है। इस दौरान अर्जुन दुर्योधन का पीछा कर रहा है।

    12:58 (IST)26 Apr 2020
    पितामह ने दुर्योधन से कहा चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारी तरफ से यु्द्ध करूंगा

    पितामह भीष्म ने दुर्योधन से युद्ध ना करने का परामर्श दिया। किंतु दुर्योधन ने उसे ठुकराते हुए कहा कि आप युद्ध करेंगे या नहीं, जिसके बाद पितामह ने कहा कि महाराज ने मुझे तुम्हारे साथ युद्ध करने की आज्ञा देकर भेजा है तो युद्ध तो मुझे करना ही है। चाहे सामने मेरा पुत्र अर्जुन ही क्यों ना हो।

    12:52 (IST)26 Apr 2020
    पितामह ने दुर्योधन से कहा सेना लेकर वापिस चलो

    पितामह भीष्म ने दुर्योधन से कहा कि पांडवों का अज्ञात वास समाप्त हो चुका है। इस दौरान दुर्योधन जोर जोर से हंसने लगा और पितामह से कहा कि युद्ध कीजिए 

    12:50 (IST)26 Apr 2020
    दुर्योधन ने अर्जुन को पहचान लिया

    दुर्योधन ने अर्जुन के धनुष की प्रतियंचा सुनकर उसे पहचान लिया है। इस दौरान दुर्योधन ने पितामह भीष्म से कहा कि मैंने पांडवों का अज्ञाज वास भंग कर दिया है।  इस दौरान एक बार फिर अंग राज और गुरुद्रोण भिड़ गए हैं। 

    12:46 (IST)26 Apr 2020
    मत्स्य देश के युवराज को स्त्री बने अर्जुन ने बताया कि मैं ही गांडीवधारी

    मतस्य देश के युवराज को स्त्री बनें अर्जुन ने बताया कि मैं ही गांडीवधारी अर्जुन हूं। जिसके बाद युवराज उनके सामने नतमस्तक हो गए हैं। अर्जुन हस्तिनापुर की सेना से लोहा लेने के लिए अकेले ही तैयार हो गया है। 

    12:37 (IST)26 Apr 2020
    हस्तिनापुर की सेना देख भयभीत हुए मत्स्य देश के युवराज

    बड़ी बड़ी बातें कर रहे मत्स्य देश के युवराज ने हस्तिनापुर की सेना देख कर थर थर कांप रहे हैं। इस दौरान उनके सारथी बनें अर्जुन ने कहा कि आपको युद्ध करना ही होगा। लेकिन इसके बाद युवराज रथ छोड़कर भाग गए। जिसके बाद अर्जुन उन्हें उठा कर वापस रथ में ले आए और युद्ध के लिए तैयार होने लगे।

    12:30 (IST)26 Apr 2020
    मत्स्य देश पर हमला करने पहुंचे कुरुकक्षेत्र के योद्धा

    मत्स्य देश पर हमला करने के लिए दुर्योधन की सेना पहुंच गई है। इस बात की जानकारी मत्स्य देश के युवराज को गुप्तचर ने दी है। जिसके बाद वहां के युवराज ने कहा चिंता की कोई बात नहीं हैं। मैं सबको देख लूंगा। 

    12:23 (IST)26 Apr 2020
    तृग्रत नरेश को पकड़ कर भीम ने मत्स्य देश के राजा के कदमों में रखा

    तृगत नरेश को भीम ने युद्ध में हराकर मत्स्य देश के राजा के कदमों में ला कर रख दिया है। इस दौरान कंक बनकर राजा के साथ गए युधिष्ठिर ने उनसे कहा कि तृगत नरेश को क्षमा कर दीजिए। क्योंकि क्षमा से बड़ा कोई दान नहीं हैं। 

    12:17 (IST)26 Apr 2020
    दुर्योधन से पहले सुशर्मा की सेना ने किया मत्स्य देश पर हमला

    राजा सुशर्मा की सेना ने मत्स्य देश पर हमला बोल दिया है। जिसके बाद मत्स्य देश के राजा ने भी युद्ध का आवहान कर दिया है। उनके साथ युद्ध में युधिष्ठिर, नकुल, सहदेव और भीम भी गए हैं।

    12:10 (IST)26 Apr 2020
    मत्स्य देश पर हमले को तैयार हुआ दुर्योधन

    गांधार नरेश शकुनि के इशारे पर दुर्योधन कर्ण और दुशासन अपनी सेना के साथ मत्स्य देश पर हमला करने को तैयार कर रहे हैं। दुर्योधन पांडवों का अज्ञात वास खत्म होने से पहले उन्हें ढूंढने के लिए मत्स्य देश पर हमला बोलना चाहता है।

    12:03 (IST)26 Apr 2020
    शकुनि ने षड्यंत्र के तहत मत्स्य देश पर हमला करने को तैयार दुर्योधन

    शकुनि ने एक बार फिर से षड्यंत्र रचा है। जिसके तहत पांडवों को अज्ञात खत्म होने से पहले ही उन्हें ढंढ निकालना चाहते हैं। द्रौपदी से अशिष्ट व्यहवाहर करने के लिए भीम ने कीचक को मृत्युदण्ड दे दिया है। जिसके बाद दुर्योधन मत्स्य देश पर हमला करने का विचार करता है। क्योंकि कर्ण दुर्योधन से कहता है कि कीचक का वध सिर्फ संसार में 6 लोग ही कर सकते थे। जिनमें से 4 हस्तिनापुर में हैं एक द्वारिका में है। इसका मतलब अज्ञात वास में पांडवों ने मत्स्य देश का आश्रय लिया है।

    12:00 (IST)26 Apr 2020
    कीचक वध पर कर्ण हुआ हैरान

    कीचक का वध भीम ने कर दिया है। जिसके बाद दुशासन ने ये सूचना दी कि कीचक का वध हो गया है। वहीं उसके वध की खबर से कर्ण हैरान रह गया है। उसने दुर्योधन को बताया कि कीचक का अंत सिर्फ 6 योद्धा कर सकते हैं। जिनमें से 4 यहां है एक द्वारिका में इसका मतलब अज्ञात वास के दौरान भीम ने कीचक को मृत्युदंड दिया है।