दिल्ली के जंतर मंतर पर एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ नारेबाजी का मामला सामने आया है। कुछ संगठनों ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की एनिवर्सरी के मौके पर प्रदर्शन किया। इसी प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए गए और एक धर्म विशेष के खिलाफ़ विवादित नारे लगाए गए। प्रदर्शन से जुड़े कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसे लोग खूब शेयर कर रहे हैं। अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी इस मामले पर कड़ी टिप्पणी की है।

उन्होंने सवाल उठाया है कि इस तरह के प्रदर्शन को क्यों और कैसे इजाज़त दी गई। स्वरा भास्कर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पत्रकार अभिषेक बक्शी का एक ट्वीट, रीट्वीट किया है जिसमें भड़काऊ नारेबाजी का एक वीडियो संलग्न है। वीडियो में भीड़ धार्मिक नारों के साथ एक धर्म विशेष के खिलाफ़ नारेबाजी करती दिख रही है।

स्वरा भास्कर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘शब्दों से परे बीमार लोग! स्पष्ट रूप से आपराधिक, असंवैधानिक, नरसंहार उकसाने वाले प्रोटेस्ट के लिए अनुमति क्यों और कैसे दी गई?’

स्वरा भास्कर के इस सवाल पर ट्विटर यूजर्स मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कार्तिकेय नाम के एक यूजर ने स्वरा को जवाब दिया, ‘अब क्या ये बोलने की आजादी का हिस्सा नहीं है? मेरा मतलब है, इसमें किसी तरह की हिंसा तो नहीं की गई न। ये तो शांतिपूर्ण विरोध है। हर कोई करता है, जेएनयू, किसान आंदोलन, जम्मू कश्मीर,, हर जगह।’

शिवजिवा नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘काश आपको ये बात एंटी सीएए प्रोटेस्ट के समय भी दिख जाती जब भड़काऊ बयानबाज़ी की गई। हर क्रिया की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।’ नागरिक नाम के एक यूजर ने स्वरा भास्कर को जवाब दिया, ‘जब सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का। कोई मीडिया इसको नहीं दिखाएगा क्योंकि एक षड्यंत्र के तहत इन कट्टरवादियों को पर्दे के पीछे रखा जा रहा है। इनको शक्ति बढ़ाने और जड़ें मज़बूत करने का मौका दिया जा रहा है।’

सतीश सिनॉय नाम के एक यूजर ने स्वरा के सवाल का जवाब दिया, ‘कई कारण हैं जैसे किसान आंदोलन से लोगों की नज़र भटकाना, पेगासस और फिर उत्तर प्रदेश के लिए शुरुआत करना, उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव।’ बहरहाल, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान में जुट गई है।