बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर बेटी के जन्म के लगभग दो साल बाद स्क्रीन पर लौटी हैं। ‘पति, पत्नी और पंगा’ में पति फहाद खान के साथ कंटेस्टेंट बनकर पहुंची स्वरा भास्कर नई लाइफ एन्जॉय कर रही हैं। एक्ट्रेस ने हाल ही में जनसत्ता से बातचीत की और बताया कि मां बनने के बाद उनमें क्या-क्या बदलाव आए हैं। स्वरा ने बताया कि वो बिना क्वालिटी के हाउसवाइफ बन गई हैं और इसमें वो खुश रहती हैं।
स्वरा भास्कर से जब पूछा गया कि बेटी को छोड़कर काम पर वापस लौटना उनके लिए कितना मुश्किल था तो एक्ट्रेस ने कहा—
”बेटी मैनेज कर लेती है उसे देखने के लिए बहुत लोग हैं, पर मेरे लिए बहुत मुश्किल है। मैं तो मानती हूं कि शो का कॉन्सेप्ट तो अच्छा था लेकिन इसे करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह थी कि ये हफ्ते में सिर्फ एक दिन शूट होता है या मैक्सिमम दो बार शूट होता है। अपनी बच्ची को एक ही दिन छोड़ना पड़ता है मुझे। धीरे-धीरे चूंकि मैं वापस काम शुरू करना चाहती थी। मैं तो ढाई साल बाद कैमरा फेस कर रही हूं और इसके साथ अलग-अलग चीजें भी होती हैं, हफ्ते में तीन-चार बार जिम भी जाओ। तो ये सब अब धीरे-धीरे शुरू कर रही हूं। करना ही है मुझे लेकिन आप जानती हैं कितना मुश्किल होता है ये।”
पहले वाली स्वरा और अभी वाली स्वरा में फर्क
स्वरा भास्कर से जब पूछा गया कि मां बनने के बाद उनके अंदर क्या बदलाव आए हैं और पुरानी स्वरा से नई स्वरा में क्या फर्क आया है तो एक्ट्रेस बोलीं—
”मदरहुड के बाद मैं नई इंसान हूं, कहा जाता है कि बच्चा पैदा होता है तो मां भी पैदा होती है और मैं अब इस बात को बिल्कुल मानती हूं। क्योंकि राव्या के जन्म के बाद मैं एक नई इंसान बन गई हूं। बेटी के होने से पहले मैं एक दूसरी शख्स थी, वो शख्सियत अलग थी मैं एक दूसरी इंसान थी। वो दूसरी जिंदगी थी, मुझे लगता है ये एक नई जिंदगी है क्योंकि मेरा दिल, मेरा दिमाग, मेरी आत्मा हर चीज में बदलाव आया है। जो ये नई स्वरा है मैं तो ये कहूंगी कि मुझे बड़ा आइडेंटिटी क्राइसिस हुआ बच्चा होने के बाद। मेरे लिए ये एक अलग चैलेंज था, ये कौन है ये मेरा दिमाग क्या है? मैं इतनी एंबिशस लड़की थी, मैं इतनी करियर ओरिएंटेड थी। मैं हमेशा हर वक्त काम काम-काम करती थी अब मैं घर से बाहर नहीं निकलना चाहती अपना बच्चा छोड़कर। मैं ऐसी हाउसवाइफ बन गई हूं, बिना किसी हाउसवाइफ की काबिलियत के। वो क्वालिटी भी नहीं है मेरे अंदर, फिर भी मुझे छोड़ना नहीं है बच्चा अपना। मेरे लिए तो बहुत बड़ा आइडेंटिटी क्राइसिस हुआ है और ये बड़ा मेरे लिए। मैं तो फेमिनिस्ट थी, ऐसा नहीं कि फेमिनिस्ट अपने बच्चों को प्यार नहीं करती या उन्हें ठीक से पालती नहीं। मैं अभी भी इस नई स्वरा को जान रही हूं, मैं भी इससे अभी दोस्ती कर ही रही हूं।”
स्वरा ने आगे कहा—
”मुझे लगता है ये वापस काम पर जाना, ये शो करना, उसी सबका हिस्सा है। धीरे-धीरे ये ठीक है, वो दूसरा वक्त था जब करियर के लिए पागलों की तरह एक दिन में दो-दो शूट करते थे हम लोग। मैंने तो रात-रात भर ट्रैवेल करके एक दिन दूसरे शहर में शूट किया अगले दिन किसी तीसरे शहर में शूट किया। ये सब भी किया है मैंनै। लेकिन वो एक अलग जिंदगी थी ये एक अलग जिंदगी है। इस जिंदगी को जो स्वरा जी रही है वो एक नई इंसान है। मैं उसे अभी भी जान रही हूं अभी भी दोस्ती कर ही रही हूं।
”पुरानी स्वरा की याद आती है”
स्वरा भास्कर ने कहा—
”कभी-कभी याद आती है। वो सिंगल वाली स्वरा, मस्ती करने वाली। लेकिन जब राव्या हुई तो मैं 35+ की थी। तब तक 15-18 साल की यूथ पूरी तरह जी चुकी थी। इसीलिए मुझे fear of missing out नहीं है। मैंने दुनिया देखी है, अकेले घूमी हूं, पार्टी की है, मस्ती की है, अच्छे-बुरे हर एक्सपीरियंस किए हैं। तो अब कोई अधूरापन नहीं है।”
स्वरा ने आगे कहा—
”हाँ, कभी-कभी लगता है कि जब छोटे थे और मजे करते थे तो अच्छा लगता था। लेकिन जब बच्ची की शक्ल देखती हूं, तो बाकी सब मायने नहीं रखता है। इस खुशी की किसी और चीज़ से तुलना ही नहीं हो सकती है। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानती हूं। खासकर क्योंकि मेरी प्रेग्नेंसी नैचुरल हुई। औरतों का बायोलॉजिकल क्लॉक चलता है, बहुत कुछ दिमाग में होता है। लेकिन मुझे बच्चा नैचुरली हुआ और मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानती हूं।”