Sushmita Sen : सुष्मिता सेन आज की महिलाओं की रोल मॉडल हैं। सुष्मिता की के जितने मेल फैंस हैं उससे कईं ज्यादा लड़कियां और महिलाएं उन्हें फॉलो करती हैं और उनके जैसी कॉन्फिडेंट बनने की चाह रखती हैं। सुष्मिता के लिए मिस इंडिया बनने का सफर आसान नहीं था, मुश्किल रास्तों और हालातों से बिना हार माने वह आज इस मुकाम तक पहुंची हैें।

सुष्मिता सेन एक छोटा सा वाकया शेयर करती हैं। 1994 में सुष्मिता सेन मिस इंडिया बनी थीं, लेकिन उनके फैंस को ये बात हैरान कर सकती है कि उनके पास उस वक्त पहनने के लिए कपड़े नहीं थे। वह नहीं जानती थीं कि मिस इंडिया बनने के लिए उन्हें महंगे गाउन की जरूरत होगी जिसे पहन वह औऱ खूबसूरत लगेंगी। सुष्मिता तो बस अपनी मंजिल पर नजरे गढ़ाए बैठी थीं।

लेकिन तभी पता चला कि शो में सभी मॉडल्स को 4 ड्रेसेस चेंज कर पहनने होंगे। लेकिन सुष्मिता के पास तो ऐसा कुछ था ही नहीं। एक्ट्रेस सुष्मिता बताती हैं कि ऐसे में उन्होंने मिस इंडिया ग्रैंड फिनाले के लिए कपड़ों का कैसे जुगाड़ किया। खास बात ये है कि उसी जुगाड़ के बाद सुष्मिता सेन मिस इंडिया का टाइटल जीती थीं।

सुष्मिता सेन ने बताया-‘हमारे पास इतने कपड़े नहीं थे कि हम डिजाइनर कपड़े पहन के, स्टेज पर जाएं चार कॉस्ट्यूम्स चाहिए थे। हम मिडिल क्लास लोग हैं और हमें हमारी सीमाएं पता थीं। तो मम्मी ने कहा -तो क्या हुआ, कपड़े देखने थोड़े ही ना आ रहे हैं लोग, तुम्हें देखने आ रहे हैं। चलो शॉपिंग पर। तो हम सरोजिनी मार्किट गए औऱ वहां से लंबा सा कपड़ा ले आए।’

एक्ट्रेस ने आगे कहा- ‘हमारी गैराज में एक पेटिकोट सीलने वाला आदमी था। वहां जाकर बोला गया कि देखो भाई टीवी पर आने वाला है तो अच्छा बनाना, वह कपड़ा उन्हें थमा दिया गया। उस कपड़े से मेरा विनिंग गाउन तैयार किया गया। मम्मी ने बचे हुए कपड़े से रोज बनाया और मेरे कंधे पर लगाया। साथ ही काला सॉक्स ब्रैंड न्यू खरीदा और उसे काटा औऱ मेरी बाजू में पहनाया। मेरे लिए वो दिन.. जिसे पहन कर मै मिस इंडिया बनी। मेरे लिए वह इतनी बड़ी बात है कि देखिए इंसान की सोच सही होनी चाहिए। इसके लिए पैसे की जरूरत नहीं होती है।’