आरती सक्सेना
दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की का खिताब जीत चुकी सुष्मिता सेन का अभिनय करिअर काफी छोटा मगर दमदार रहा है। ‘दस्तक’, ‘बीबी नंबर वन’, ‘फिजा’ और ‘मैं हूं ना’ जैसी हिट फिल्में देने के बाद भी उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बना ली थी। हाल ही में सुष्मिता सेन ने कैमरा और एक्शन की दुनिया में वापसी की है। वह वेब सीरीज ‘आर्या’ में नजर आ रही हैं। सीरीज में उनके काम को जमकर सराहा जा रहा है।
सवाल : सुष्मिता काफी अरसे बाद वेब सीरीज ‘आर्या’ के जरिए आपने अभिनय क्षेत्र मे पदार्पण किया है ऐसे मे आप नर्वस हैं या फिर उत्साहित?
-अगर सच कहूं तो मैं अभिनय में वापसी करके बहुत खुश और उत्साहित हूं। क्योंकि मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं एक बार फिर अपनी दुनिया में लौट आई हूं। ‘आर्या’ करने में मुझे मजा इसलिए भी आ रहा है क्योंकि मैं जिस तरह का किरदार निभाने चाहती थी वो मुझे करने को मिला। इससे भी ज्यादा खुशी मुझे इस बात की भी हुई हैं कि इतने अरसे बाद भी दर्शक मेरे काम को पसंद कर रहे हैं और मेरी अदाकारी देखकर खुश हो रहे हैं।
सवाल : ‘आर्या’ वेब सीरीज ने आपको किस तरह आकर्षित किया है। इस वेब सीरीज के बारे में कुछ बताएं?
-ये एक क्राइम ड्रामा वेब सीरीज है। इसमें मैं आर्या सरीन की भूमिका निभा रही हूं जो एक इमोशनल हाउस वाइफ है। आर्या अपने तीन बच्चों और पति तेज सरीन के साथ बेहद खुश है। आर्या एक मजबूत औरत होने के साथ अपने परिवार से बेहद प्यार करती है और अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है। एक दिन आर्या को अपने पति के काले धंधों के बारे में पता चलता है। अपने पति के राज का पर्दाफाश करने के लिए आर्या कड़क बॉस के रूप में सामने आती है और इस तरह क्राइम सीरीज की शुरुआत होती है। इसमें प्यार, अपराध, थ्रिलर सभी कुछ मौजूद है।
सवाल : इस सीरीज के निर्देशक राम माधवानी के साथ आपका काम करने का अनुभव कैसा रहा?
-राम माधवानी अच्छे निर्देशक से पहले अच्छे इंसान हैं। मेरा उनके साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा। हमने दो महीने से ज्यादा साथ में काम किया। राम को पता है कि उन्हें कलाकारों से कैसे काम लेना है। वो कभी किसी कलाकार पर दबाव नहीं डालते कि तुम ऐसे ही ये काम करो। राम अच्छे से जानते हैं कि उनको किरदारों को स्क्रीन पर कैसे दिखाना है और यह कैसे होगा।
सवाल : आपका अभिनय करिअर अच्छा चल रहा था। ऐसे में क्या वजह थी कि आपने अचानक फिल्मों को अलविदा कह दिया?
-काफी सारी वजहें थीं। पहली वजह ये थी कि मेरा प्यार सिर्फ फिल्में नहीं थीं बल्कि मुझे जिंदगी से और भी कुछ चाहिए था। अगर मैं केवल अभिनय तक ही सीमित रह जाती तो शायद कुछ नहीं कर पाती। दूसरी वजह थी कि मुझे अच्छे रोल आॅफर नहीं हो रहे थे, जिसे करने में मुझे खुशी मिले और बहुत मजा आए। फिल्मजगत में बने रहने के लिए मैं केवल परम्परागत भूमिकाएं नहीं करना चाहती थी। यही वजह है कि मैंने अभिनय से दूरी बना ली। ‘आर्या’ की कहानी और इसमें मेरी भूमिका दमदार लगी सो एक बार अभिनय करने का मन बना लिया।
सवाल : आपने अभिनय में वापसी कर ही ली है तो बताएं कि पहले के मुकाबले अब इस क्षेत्र में क्या बदलाव पाती हैं?
-काफी सारे बदलाव हैं। जैसे अभी के कलाकार बहुत ज्यादा प्रतिभाशाली और मेहनती हैं। साथ ही प्रोफेशनल भी। अब यहां जज्बातों के लिए जगह कम है। मेहनत और काम के लिए जगह बहुत ज्यादा। हर कोई नंबर वन है, ऐसे में किसी एक को हरा कर आगे बढ़ना मुश्किल है। आज छोटे और बड़े बजट में कई अच्छी कहानियों पर फिल्में बन रही हैं। अब अच्छी कहानियों पर प्रयोग होने लगे हैं जो पहले नहीं होता था। पहले लोग ज्यादातर मसाला फिल्में बनाना ही पसंद करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। आज कल कई सारी ऐसी कहानियों पर फिल्में बन रही हैं जो बेहद अलग और दिलचस्प है। इसी वजह से यह उद्योग फल-फूल रहा है।
सवाल : पिछले पांच साल आपके काफी मुश्किल भरे रहे। सुना है कि आप किसी बड़ी बीमारी से गुजर रही थीं?
-हां मैं एक ऐसी बीमारी से गुजर रही थी जो जानलेवा थी और मुझे अपने आप को बचाने के लिए स्टेरॉइड्स का सहारा लेना था, जिसके काफी सारे दुष्प्रभाव थे। लिहाजा मंैने इस बीमारी से अपने दम पर लड़ने का फैसला लिया। योग, कसरत करके इस बीमारी से निजात पा ली। इस बीमारी के दौरान मैंने एहसास हुआ है कि ये जिंंदगी कितनी अनमोल है, जिसे हम अपनी व्यस्तता के चलते यूंही गंवाते जाते हैं और अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते। फिर बीमार पड़ जाते हैं। इस बीमारी ने मुझे जिंदगी का महत्त्व बहुत अच्छी तरह समझा दिया है। इस वक्त ने मुझे एहसास कराया है कि भले ही पूरी दुनिया आपकी प्रशंसक हो लेकिन आपके परिवार का आपके साथ होना बहुत जरूरी है। मेरी दोनों बेटियों ने उस दौरान मुझे बहुत संभाला,उनका और हजारों प्रशंसकों का ही प्यार है जो मैं आपके सामने सही सलामत खड़ी हूं।
सवाल : पिछले तीन महीनों से देश में पूर्णबंदी है, लोग कोरोना महामारी से पीड़ित है। लोगों की नौकरियां जा रही हैं, काम-धंधे भी नहीं हैं। इस पूर्णबंदी और महामारी में लोगों ने काफी कुछ गंवाया है, लोग काफी हताश और निराश हो चले हैं। ऐसे नाजुक वक्त में आप अपने प्रशंसकों से क्या कहना चाहेंगी?
-मैं यही कहना चाहूंगी कि घबराए नहीं यह बुरा वक्त भी जल्द से जल्द चला जाएगा। जब बुरा वक्त आता है तो अच्छा वक्त भी जरूर आता है, लिहाजा निराश और हताश होने की जरूरत नहीं है। हौसला बना कर रखें और अच्छे वक्त का इंतजार करें। ये सोचें कि भले ही आप घरों में कैद है लेकिन सुरक्षित हैं। माना कि पूर्णबंदी में घर में समय गुजारना आसान नहीं है। लेकिन अगर आप अपना मानसिक संतुलन सही बनाए रखना चाहते हैं तो वो सारे काम करें जो आपने कभी नहीं किए और आप करना चाहते थे। इसके अलावा योग, कसरत, नृत्य, खाना बना कर भी आप खुद को व्यस्त रख सकते हैं। दुखी ना हो क्योंकि इससे आपको ही तकलीफ होगी। सो पूर्णबंदी को मजेदार बनाने की कोशिश करें और अपनों के साथ वक्त गुजारें, क्योंकि ये वक्त फिर आने वाला नहीं है।