2002 हिट एंड रन केस में सलमान खान को निचली अदालत से पांच साल की सजा मिलने के कुछ ही देर बाद जमानत मिलने पर कई लोगों ने हैरानी जतार्इ थी। लेकिन सु्प्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सलमान को उसी दिन जमानत में कोई गलत बात नहीं हुई। जस्टिस जेएस खेहर और आर भानुमति ने कहा कि सजा के आदेश की कॉपी मिलने तक किसी को जेल नहीं भेजा जा सकता। इसलिए सलमान को जमानत मिली। दोनों जजों ने कहा कि सब कुछ कानून के तहत किया गया। बैंच ने कहा,’आप(वकीलों) को कानून का अध्ययन करने की जरूरत है। बिना सजा आदेश के किसी को जेल नहीं भेजा जा सकता। यह कानून है और इससे ही सलमान को जमानत मिली।’
सलमान को सजा मिलने के दिन ही जमानत देने पर दिल्ली के वकील एमएल शर्मा ने जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में सलमान की जमानत के लिए पैसों के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया। याचिकाकर्ता ने इस संदर्भ में सलमान के पिता सलीम खान के बयान का जिक्र किया। बता दें कि सलीम खान ने मीडिया से कहा था कि सलमान के केस पर परिवार ने 25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वकील शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सलीम खान के बयान पर ध्यान देते हुए जांच का आदेश देना चाहिए कि कहीं मामले के नतीजे पर असर डालने के लिए पैसों का इस्तेमाल तो नहीं हुआ। लेकिन बैंच ने याचिका खारिज कर दी।
बैंच ने कहा,’उन्होंने वकीलों पर खर्चा किया। उन्होंने कहां कहा कि उन्होंने किसी को खरीदा।’ बैंच ने अागे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही सलमान खान काे बरी किए जाने के खिलाफ महाराष् ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई हो रही है। शर्मा चाहें तो अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की मदद कर सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई होगी।

