90 के दशक के मशहूर एक्टर गोविंदा ने एक के बाद एक बेहतरीन फिल्में दी। उनकी एक्टिंग, स्टाइल और डांस मूव्स ने हर किसी को उनका दीवाना बना दिया था। कोई भी हीरोइन हो हर किसी के साथ उनकी जोड़ी फिट बैठती थी, लेकिन एक समय बाद वह धीरे-धीरे फिल्मों से गायब होने लगे और यहां शुरू हुआ उनका डाउनफॉल। आखिर ऐसा क्या हुआ कि गोविंदा फिल्मों में नजर आना बंद हो गए? इसके पीछे का कारण फिल्ममेकर पहलाज निहलानी ने बताया।
पहलाज निहलानी ने फ्राइडे टॉकीज के साथ खास बातचीत में बताया था कि गोविंदा अंधविश्वासी हो गए थे और इसी के कारण उनका करियर डूब गया। उन्होंने बताया गोविंदा बहुत अंधविश्वासी होने लगे थे और हर चीज को लेकर उनका कोई न कोई तर्क होता था, जिसके कारण उनके साथ काम करना मुश्किल हो गया था। कोई दिन काम के लिए शुभ नहीं होता था, कोई रंग अनलकी होता था यहां तक कि वह लोगों के भविष्य को लेकर भी बात करने लगे थे।
गोविंदा करने लगे थे भविष्यवाणी
गोविंदा को कभी लगता था कि सेट पर झूमर गिर जाएगा। निहलानी ने बताया कि गोविंदा सबसे हट जाने को कहते थे, उन्हें लगता था कि सेट पर झूमर गिरने वाला है। इतना ही नहीं उन्होंने कादर खान को लेकर भी कहा था कि वह डूबने वाले हैं। अंधविश्वास के कारण वह लोगों को कपड़े तक बदलने के लिए मजबूर कर देते थे।
उन्होंने कुछ खास दिन चुन लिए थे, जिस पर वह काम नहीं किया करते थे। निहलानी के मुताबिक वह लोगों पर जल्दी विश्वास करने लगे थे और काम को लेकर उनका रवैया सुस्त होता चला गया था, जिसके कारण उनका करियर डूब गया।
एक साथ करते थे 5-6 फिल्में
गोविंदा एक साथ कई फिल्मों में काम किया करते थे। वह एक दिन में अलग-अलग शिफ्ट में काम करते थे। निहलानी ने कहा कि जब वह सेट पर देर से आते थे तो झूठ बोलते थे। वह पैसे के लिए हर तरह की फिल्म साइन कर देते थे। निहलानी ने बताया कि उन्होंने गोविंदा से कहा था कि ऐसा करना उनके करियर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और ऐसा ही हुआ।
निहलानी ने गोविंदा की तारीफ की और कहा कि उनके साथ काम करना अच्छा अनुभव था। उन्होंने गोविंदा को एक शानदार इंसान और इमोशनल फैमिली मैन बताया।