बॉलीवुड स्टार सनी देओल की फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ साल 2015 में रिलीज हुई थी। फिल्म की कहानी से ज्यादा इसमें इस्तेमाल की गई भाषा की वजह से विवाद उपजा था। इसका ट्रेलर आने के बाद से ही फिल्म विवादों में थी। फिल्म के खिलाफ बनारस में एक एफआईआर भी हुई थी जिसके बाद इसे बैन कर दिया गया था। एफआईआर में सनी देओल और निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी को आरोपी बनाया गया था। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप था। फिल्म ऑनलाइन लीक भी हो गई थी।

फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अटका दिया था और इसमें 10 जगहों पर कट लगाने की बात कही थी। मामला कोर्ट तक खिंचा और अब 11 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने सीबीएफसी द्वारा लगाए गए 10 कट्स में से 9 को बेवजह बताया है। इसके बाद अब क्रॉसवर्ड एंटरटेनमेंट ने सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी के खिलाफ नई याचिका दर्ज कराई है। गौरतलब है कि मोहल्ला अस्सी अपने भले ही पर्दे पर रिलीज चल सकी लेकिन पायरेटेड वर्जन देखने वालों को यह फिल्म काफी पसंद आई अब ऐसा लगता है कि टक्कर कोर्ट और सीबीएफसी के बीच है।