इंडियन टेलीविजन की फेमस एक्ट्रेस के बारे में बता रहे हैं, जो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। वह टीवी के साथ ही बॉलीवुड और साउथ फिल्मों में भी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकी हैं। 17 साल की उम्र में एक दुर्घटना में उन्होंने अपने पैर को खो दिया था बावजूद इसके उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और एक पैर के सहारे इंडस्ट्री में धाक जमाई हुई है। ये कोई और नहीं बल्कि सुधा चंद्रन हैं। स्क्रीन पर उन्हें ज्यादातर टीवी सीरियल और फिल्मों में नेगेटिव भूमिका में देखा गया है। वह एक्टर के साथ-साथ ट्रेंड भरतनाट्यम नर्तकी भी हैं। फिल्मों और टीवी के साथ ही उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी चर्चा में रही है। ऐसे में चलिए आज आपको उनकी निजी जिंदगी से रूबरू कराते हैं।

एक्ट्रेस सुधा चंद्रन का नाम घर-घर में पॉपुलर है। उन्होंने अपने करियर में ‘कहीं किसी रोज’, ‘नागिन’ सीरीज, ‘झलक दिखला जा’, ‘शादी करके फंस गए यार’, ‘मालामाल वीकली’, ‘राग’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कस्तूरी’ जैसे कई टीवी शो में काम किया है। लेकिन, उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। टीवी के साथ ही उन्होंने फिल्मों में भी काम किया है। इसमें उनकी पहली फिल्म ‘नाचे मयूरी’ थी। इसके लिए उनको नेशनल अवॉर्ड भी दिया गया था। ये फिल्म उनकी खुद की लाइफ पर बनी थी। ये फिल्म पहले तमिल में ‘मयूरी’ के नाम से बनाई गई थी।

लेकिन, सुधा के लिए एक सफल अभिनेत्री बनना आसान नहीं था। उनकी जिंदगी उस समय रुक सी गई थी, जब साल 1981 में 17 साल की उम्र में वह भयानक सड़क हादसे का शिकार हो गईं। उनकी जिंदगी तो सुरक्षित रही लेकिन, इस घटना ने उनका एक पैर छीन लिया। उन्हें काफी गंभीर चोटें आईं। डॉक्टर्स के पास उनके पैर को काटने के अलावा कोई और ऑप्शन ही नहीं बचा। हालांकि, उन्होंने हार बिल्कुल भी नहीं मानी और नकली पैर के साथ डांस करती रहीं और भरतनाट्यम में खुद को स्थापित किया।

प्यार और शादी के लिए घर से भागीं सुधा चंद्रन

सुधा चंद्रन की जिंदगी में खुशी के पल भी जल्द ही आ गए थे। उनकी जिंदगी का खूबसूरत पल तब आया जब उनकी मुलाकात असिस्टेंट डायरेक्टर रवि डांग से हुई। इनकी पहली मुलाकात साल 1992 में आई फिल्म ‘सीता सलमा सूजी’ के सेट पर हुई थी। सुधा इस फिल्म में एक्ट्रेस थीं और इस मूवी की शूटिंग के दौरान ही उन्हें रवि से प्यार हो गया था। इसके बाद दोनों ने शादी का फैसला किया था। लंबे समय डेट करने के बाद शादी में बाधा ये आई कि घर वाले इस रिश्ते के लिए राजी नहीं थे। क्योंकि रवि पंजाबी थे और सुधा तमिल परिवार से आती थीं।

इसके बाद क्या था सुधा और रवि का साथ रहना था तो उन्होंने भागकर शादी का फैसला किया। इसके बारे में एक्ट्रेस ने खुद बताया था। एनबीटी की खबर के अनुसार, सुधा ने बताया था कि उनके माता-पिता शादी का विरोध कर रहे थे। इसकी वजह अलग-अलग धर्म का होना थी। सुधा और रवि ने बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन, वो माने नहीं तो दोनों ने भागकर शादी का फैसला किया। एक्ट्रेस ने चेंबूर में चिरानगर मुरुगन मंदिर में शादी की थी। दोनों अंत तक अपने रिश्ते पर अडिग रहे।

मां बनने का सपना रह गया अधूरा

सुधा और रवि की शादी को करीब 39 साल हो हैं लेकिन, उनके कोई बच्चा नहीं है। सुधा चंद्रन का मां बनने का सपना आज भी अधूरा है। हालांकि, वह इसके लिए निराश नहीं होती हैं। क्योंकि उनको लगता है कि वह एक-दूसरे के लिए ही बहुत हैं। बच्चा गोद लेने को लेकर अभिनेत्री कहती हैं कि वो और उनके पति बच्चा गोद लेने में विश्वास नहीं करते हैं। उनका मानना है कि बच्चों को लगेगा कि वह माता-पिता के लिए बोझ होंगे।

क्या आपको याद हैं ‘रामायण’ की ये ‘शूर्पणखा’? 30 हजार रुपये के लिए कटवा ली थी नाक, जानिए कहां हैं अब