शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय की जोड़ी एक वक्त बड़े परदे पर राज करती थी। दोनों ने साथ में दर्जन भर से अधिक फिल्में की और लगभग सभी हिट हुईं। मशहूर निर्देशक सुभाष घई उन दिनों हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय उन दिनों शीर्ष पर थे इसलिए उन्होंने दोनों को साथ लेकर एक फ़िल्म बनाने की सोची।

दरअसल उन्होंने सिर्फ़ शत्रुघ्न सिन्हा को फ़िल्म के लिए साइन किया लेकिन सिन्हा के कहने पर फ़िल्म की हीरोइन का रोल रीना रॉय को मिला। फ़िल्म थी 1976 में आई, ‘कालीचरण।’ इस फ़िल्म के दौरान सुभाष घई शत्रुघ्न सिन्हा के सेट पर लेट आने से बेहद परेशान रहने लगे। उन्हीं दिनों रीना और शत्रुघ्न के बीच नजदीकियां बढ़नी शुरू हुईं थीं।

कहा जाता है कि शत्रुघ्न सिन्हा रीना रॉय के मेकअप रूम में घंटों बैठे रहते थे और पूरी टीम उनके आने का इंतजार करती थी। जैसे तैसे फिल्म की शूटिंग पूरी हुई और फ़िल्म जबरदस्त हिट रही। सुभाष घई ने एक बार फिर दोनों को साथ लेकर फ़िल्म, ‘विश्वनाथ’ बनाने की जहमत उठाई।

इस फ़िल्म की शूटिंग के दौरान तो शत्रुघ्न सिन्हा और रीना रॉय बेहद करीब आ चुके थे और दोनों के कारण फ़िल्म की शूटिंग काफी बाधित होती थी। सुभाष घई चाहकर भी कुछ नहीं बोल पाते थे क्योंकि शत्रुघ्न और रीना स्टार थे।

सुभाष घई को रीना रॉय और शत्रुघ्न सिन्हा के कारण काफ़ी नुकसान भी उठाना पड़ा। उन्होंने शत्रुघ्न और रीना को जोड़ी के साथ एक और फिल्म, ‘गौतम गोविंदा’ पूरी कर ली लेकिन कसम खाई कि वो अब कभी दोबारा इनके साथ काम नहीं करेंगे। ‘गौतम गोविंदा’ तो ज्यादा नहीं चली लेकिन ‘विश्वनाथ’ फ़िल्म हिट रही थी और सुभाष घई को हिंदी सिनेमा जगत में अच्छी खासी पहचान मिली। सुभाष घई ने फिर कभी शत्रुघ्न सिन्हा के साथ काम नहीं किया।

रीना और शत्रुघ्न के प्यार की बात करें तो दोनों का प्यार करीब 7 सालों तक चला। शत्रुघ्न सिन्हा ने बाद में पूनम से शादी कर ली थी। रीना से अपने रिश्तों पर बात करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘रीना से मेरा रिश्ता पर्सनल था। लोग बोलते हैं कि पूनम से शादी के बाद मेरा मन रीना के लिए बदल गया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बल्कि फिलिंग्स और बढ़ गईं। मैं लकी हूं कि मुझे उन्होंने अपनी ज़िंदगी के 7 साल दिए।’