साउथ फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों एक्ट्रेसेज एक के बाद एक बड़े खुलासे कर रही हैं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट के आने के बाद से मलयालम और साउथ इंडस्ट्री में जोरदार खुलासे हो रहे हैं। इसमें लगातार इंडस्ट्री के बड़े नाम सामने आ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में डायरेक्टर और वूमन इन सिनेमा कलेक्टिव की फाउंडिंग मेंबर अंजलि मेनन ने खुलासा किया कि केरल फिल्म इंडस्ट्री केवल 10-15 मैन पॉवर ग्रूप के कंट्रोल में है। मलयालम एक्ट्रेसेस भी एक के बाद एक अपनी आपबीती और कास्टिंग काउच का खुलासा कर रही हैं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद साउथ में आरोप-प्रत्यारोप की एक मुहीम छिड़ गई है। इसमें अब तक मिनु मुनीर, श्रीलेखा मित्रा और सनम शेट्टी समेत कई अभिनेत्रियों ने मेकर्स और को-एक्टर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि एक फीमेल के लिए फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाना कितना मुश्किल है और उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

कास्टिंग काउच

सिनेमा इंडस्ट्री के लिए कास्टिंग काउच का मुद्दा काफी पुराना रहा है। इस मुद्दे पर अक्सर चर्चा और बहस होती रही है। एक आउट साइडर के सामने सबसे पहली चुनौती कास्टिंग काउच की होती है। अक्सर सुनने के लिए मिलता है कि फलाना अभिनेत्री को काम के लिए मेकर्स और को-एक्टर्स के साथ हमबिस्तर होने के लिए कहा गया। इसमें बॉलीवुड से लेकर साउथ और भोजपुरी तक कई अभिनेत्रियों के नाम सामने आ चुके हैं, जिन्होंने खुद आपबीती बताई है। कास्टिंग काउच में कई बार ऐसा हुआ है कि एक्ट्रेस के साथ जबदस्ती भी करने की कोशिश की गई है। साउथ में बात की जाए तो अब से पहले नयनतारा, अनुष्का शेट्टी, ऐश्वर्या राजेश और पार्वती थिरुवती जैसी अन्य अभिनेत्रियां कास्टिंग काउच का खुलासा कर चुकी हैं। इसके अलावा कई एक्ट्रेसेस ऐसी भी रही हैं, जिनके साथ जबरदस्ती भी करने की कोशिश की गई है। कई अभिनेत्रियों ने को-एक्टर्स पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे।

मेल एक्टर्स से काफी कम फीस

फीमेल एक्ट्रेस के लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है मेल एक्टर्स की तुलना में फीमेल एक्टर्स को कम फीस मिलना। बॉलीवुड में अक्सर इसकी चर्चा होती रही है। हिंदी सिनेमा में कटरीना कैफ, विद्या बालन, करीना कपूर खान और प्रियंका चोपड़ा जैसी बेहतरीन अदाकारा इस मुद्दे पर बात कर चुकी हैं। साउथ में तापसी पन्नू और सामंथा जैसी एक्ट्रेस इस पर बात कर चुकी हैं। तापसी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर फीमेल एक्टर ज्यादा फीस मांग लें तो कहा जाता है कि ये बहुत डिमांडिंग हैं। वहीं, मेल एक्टर अगर फीस ज्यादा मांगता है तो उसे कहा जाता है कि इसकी मार्केट बढ़ गई है।

टाइपकास्ट

फिल्मों में टाइपकास्ट रोल का शिकार हो जाना मेल और फीमेल दोनों ही एक्टर्स के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन, फीमेल एक्टर्स को ज्यादातर इसका सामना करना पड़ता है। इसका शिकार साउथ में प्रियामणि जैसी बेहतरीन एक्ट्रेस हैं। प्रियामणि को ‘साउथ एक्टर’ कहा जाता है। उन्हें इसमें टाइपकास्ट किया गया है। इसे लेकर खुद एक बार एक्ट्रेस ने कहा था, ‘आशा है कि ये जल्द ही बदलेगा। कई बार मेकर्स नए प्रोजेक्ट लेकर आते हैं और कास्ट करने की बात कहते हैं क्योंकि उन्हें साउथ इंडियन कैरेक्टर की जरूरत होती है तो मेरा लुक और एक्सेंट वैसा ही है तो वो कास्ट लेते हैं।’ टाइपकास्ट हो जाने की वजह से कई बार फिल्मों में के चांस कम हो जाते हैं। लोग फिर एक्ट्रेस को उसी कैरेक्टर में देखते हैं और कुछ नया करने के लिए नहीं होता है।

शादी के बाद एक्टिंग छोड़ने का दबाब और काम ना मिलना प्रेशर

मेल एक्टर्स की तुलना में फीमेल एक्टर्स के लिए करियर बनाना शादी के बाद थोड़ा और मुश्किल हो जाता है। इसमें कई बार शादी के बाद अभिनेत्री को काम नहीं मिलता है। इसमें कई बार हवाला दिया जाता है कि उनके पास टाइम नहीं और परिवार को देखना है तमाम चीजें मेकर्स कहते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि शादी के बाद हसबैंड एक्टिंग छोड़ने का दबाव बनाते हैं, जिसके चलते कई अभिनेत्रियों का करियर दांव पर लग जाता है। बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियां रही हैं, जो इस मामले पर पहले बात कर चुकी हैं। बॉलीवुड से साउथ में काम कर चुकीं एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे, मीनाक्षी शेषाद्रि, नम्रता शिरोडकर, गायत्री जोशी और एक्ट्रेस असिन जैसी अभिनेत्रियों के नाम शामिल हैं।

प्रेग्नेंसी के बाद के रिजेक्शन

अभिनेत्रियों के लिए फिल्मों में करियर बनाना प्रेग्नेंसी के बाद और भी मुश्किल हो जाता है। क्योंकि आमतौर पोस्ट डिलीवरी एक महिला के शरीर में काफी चेंजेस बदलाव देखने के लिए मिलते हैं। इसमें कई बार उनका वजन बढ़ जाता है तो किसी का लुक में परिवर्तन हो जाता है। ऐसे में इसकी वजह से उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है। लेकिन, बॉलीवुड की कुछ अभिनेत्रियों ने प्रेग्नेंसी के बाद काम ना मिलने और रिजेक्शन झेलने की इस कड़ी को तोड़ा है। इसमें करीना कपूर और आलिया भट्ट जैसी अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने पर्दे पर खुद का सिक्का शादी और प्रेग्नेसी के बाद एक बार फिर से जमाया है।

बढ़ती उम्र के साथ लीड रोल ना मिलना

बॉलीवुड से लेकर साउथ तक में एक और मुद्दा काफी चर्चित रहा है, जो एक अभिनेत्री के करियर का रोड़ा बनता है। वो है बढ़ती उम्र के कारण साइड लाइन कर दिया जाना और लीड रोल ना मिलना। इसमें कई बड़े नाम शामिल हैं। जैसे एक्ट्रेस शांतिप्रिया और ‘आशिकी’ फेम बॉलीवुड एक्ट्रेस अनु अग्रवाल। शांतिप्रिया इस मुद्दे पर कई बार बात कर चुकी हैं कि बढ़ती उम्र की वजह से कोई उन्हें लीड रोल नहीं देता है। हर कोई लुक की और उम्र की बात करता है।

बॉडी शेमिंग का शिकार होना

वहीं, एक्ट्रेस को बॉडी शेमिंग का भी शिकार होना पड़ता है। इसमें अगर नामों की चर्चा की जाए तो बॉलीवुड से लेकर साउथ के बड़े चेहरे हैं, जो इसका शिकार हो चुके हैं। इसमें प्रियामणि, प्रत्युषा, नमिता, तमन्ना भाटिया, अनुष्का शेट्टी, रक्षिता और इलियाना तक के नाम शामिल हैं। प्रियामणि ने ‘मैदान’ की रिलीज के बीच बताया था कि साउथ में एक्ट्रेसेस का जीरो साइज से कोई लेना देना नहीं है। अगर वहां पर दर्शकों को कोई एक्ट्रेस का काम पसंद आया तो वो भरपूर प्यार लुटाते हैं। वहीं, इलियाना को दुबला-पतला होने की वजह से एक बार रिजेक्शन फेस करना पड़ा था। फिल्म में काम नहीं मिला था।