पाकिस्तानी मूल के गायक और अब भारतीय नागरिक अदनान सामी ने आज कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि भारतीय सेना का लक्षित हमला उसके खिलाफ नहीं था बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ था जिन्होंने विगत में पडोसी देश में भी हमला किया है। लक्षित हमले की सराहना करने के कारण सोशल मीडिया पर सामी की पाकिस्तानी लोगों ने खासी आलोचना की है। उन्होंने यहां इंडिया टुडे सफाईगिरी पुरस्कार में कहा, ‘‘टॅवीट मेरे दिल से आया और जिन्होंने मेरी आलोचना की, उनसे मैं माफी चाहता हूं। हम इस पर गौर करने की आवश्यकता है कि यह हमला क्यों हुआ और किनके खिलाफ नहीं है। यह भूमि पर कब्जे के लिए हमला नहीं था बल्कि एक गैरजरूरी हमले का जवाब था। हमला एक आतंकवादी अड्डा पर केंद्रित था।’’उन्होेंने कहा, ‘‘आतंकवाद के लिए कोई सीमा नहीं होती। आतंकवादी मुंबई, पेशावर और पेरिस में भी हमला करते हैं।’’
देखिए, क्या है आज की बड़ी खबर:
संगीतकार ने कहा कि दोनों देशों में कलाकारों से लेकर आम आदमी तक हर कोई दोनों देशों के बीच शांति चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि कलाकार हमेशा शांति चाहते हैं, वे उन्हें शांति का दूत आदि कहते हैं। हालांकि यह सही है लेकिन मुझे नहीं लगता कि सिर्फ कलाकारों को ही यह खूबसूरत श्रेय मिलना चाहिए। मैं समझता हूं कि हमारे सभी नागरिक शांति चाहते हैं, सिर्फ कलाकार ही नहीं।’’ सामी ने पाकिस्तान से अपील की कि उसे लक्षित हमले को ‘‘व्यक्तिगत तौर’’ पर नहीं लेना चाहिए और आतंकवाद का सफाया करने के लिए उसे भारत से हाथ मिलाना चाहिए।
पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच नाना पाटेकर ने भी अपनी बात रखी है। पत्रकारों से बात करते हुए नाना ने कहा कि ‘पाकिस्तानी कलाकार ये सब बाद में, पहला मेरा देश, देश के अलावा मैं किसी को जानता नहीं और ना जानना चाहूंगा। कलाकार देश के सामने खटमल की तरह है। पहले देश है। देश के बाद अगर कोई कुछ है तो फिर बाद में बात करो। इसके बाद सलमान खान के की तरफ इशारा करते हुए नाना ने कहा कि जवानों से बड़ा कोई हीरो हो नही सकता। हम एक्टर तो बहुत मामूली लोग है। हम जो बोलते है उस पर ध्यान मत दो, इतनी अहमियत मत देना किसी को। उनकी उतनी औकात नहीं है उतनी अहमियत की।’