1975 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन और धर्मेद्र की फिल्म ‘शोले’ ने उस वक्त बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे। फिल्म में धर्मेंद्र के अपोजिट हेमा मालिनी और अमिताभ के अपोजिट जया बच्चन थीं। इसके अलावा अमजद खान और संजीव कुमार भी थे। इस मल्टीस्टारर की जब रिलीजिंग डेट नजदीक आई तभी से सबको उम्मीदें थीं कि फिल्म धमाल करेगी। फिल्म के लेखक जावेद अख्तर और सलीम खान भी इस फिल्म की सफलता को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट थे।
हालांकि फिल्म जब रिलीज हुई तो उस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसका ‘शोले’ पर बुरा प्रभाव पड़ने लगे।इससे डायरेक्टर रमेश सिप्पी भी घबरा गए। दरअसल, फिल्म की रिलीज के बाद कुछ ट्रेड एनालिस्ट ने शोले को ‘फ्लॉप’ घोषित कर दिया था। फिल्म से जुड़ा हर शख्स इस बात से सन्न था। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने शोले को हिंदी सिनेमा इतिहास की सफलतम फिल्मों में शुमार करा दिया।
शोले को इतना पसंद किया गया था कि सिंगल थिएटर में ये फिल्म 25 हफ्तों तक चलती रही थी। ग्लैमशैम की रिपोर्ट के मुताबिक, सलीम खान ने बताया था कि कुछ ट्रेड एनालिस्ट ने शोले को फ्लॉप बता दिया था। उन्होंने कहा था- ‘हां ये बात सच है कि जब फिल्म रिलीज हुई तो बॉलीवुड ट्रेड पंडितों ने इसे फ्लॉप करार दे दिया था, इस पर आर्टिकल्स आने लगे थे, जिनमें ऐसा कहा जाने लगा था।’
हालांकि जावेद और सलीम अपने काम को लेकर कॉन्फिडेंट थे। सलीम ने बताया था कि ‘जावेद साहब और मैं इस बात को लेकर कॉन्फिडेंट थे कि ऐसा हो ही नहीं सकता। हमने इन निगेटिव रिपोर्ट्स के बदले फुल पेज एडवर्टाइजमेंट छपवाए और लिखवाया कि फिल्म ने 1 करोड़ रुपए कमाए हैं।’ हमने फिल्म के सफलता की भविष्यवाणी कर डाली थी।
जब फिल्म का फाइनल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन आया तो ट्रेड पंडितों की भविष्यवाणी गलत साबित हो गई। जावेद और सलीम का अंदाजा भी गलत निकला था। दरअसल, फिल्म ने एक नहीं बल्कि दो करोड़ रुपये कमाए थे। रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म शोले ने कुल 15 करोड़ रुपए की उस जमाने में कमाई की थी। अगर आज के टिकट रेट के हिसाब से कहा जाए तो फिल्म ने 160 करोड़ रुपए जितनी कमाई की थी।