तकनीक के इस दौर में जहां मनोरंजन के साधन काफी अधिक हुए हैं, वहीं फिल्म निर्माण जैसा महंगा प्रोफेशन भी आम लोगों की पहुंच में कुछ हद तक आया है। समय समय पर कई फिल्म निर्देशक ऐसे कई प्रयोग करते रहते हैं जो अगली पीढ़ी के लिए ट्रेंडसेटर बन जाते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ मिलकर एक शानदार फिल्म हरामखोर बनाने वाले निर्देशक श्लोक शर्मा ने आईफोन 6 पर एक फिल्म शूट की है और इस फिल्म को कई फेस्टिवल्स में भी रिलीज़ करने के बाद नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ कराने में सफल रहे हैं।

श्लोक ने बताया मैंने अपनी पहली फिल्म हरामखोर बनाई जिसे रिलीज़ होने में लगभग 4-4.5 साल लग गए। तो या तो मैं घर पर बैठकर डिप्रेस रहता या काम करता। समस्या ये थी कि मेरे पास पैसे नहीं थे। मैं एक बार लॉस एंजेलेस गया था जहां मैंने टैंजेरिन नाम की फिल्म देखी थी। ये फिल्म डायरेक्टर ने आईफोन 5 पर शूट की थी। मुझे तभी ये लगने लगा था कि मैं भी कुछ ऐसा ही करूंगा। श्लोक की ये फिल्म मामी फिल्म फेस्टिवल में भी रिलीज़ हुई थी। इस दौरान एक दर्शक ने उनसे कहा था कि आपकी फिल्म पसंद आई लेकिन आपके कैरेक्टर्स पसंद नहीं आए। तो श्लोक ने कहा था कि शायद लाइफ में भी ऐसा होता है। सभी लोग पसंद करने लायक नहीं होते। मैंने खैर इस बारे में ज़्यादा सोचा नहीं और फिल्म पर काम शुरू कर दिया था।

फिल्म में श्वेता एक ड्रग एडिक्ट बनी हैं जो अपने पास्ट से जूझ रही हैं।

आईफोन 6 पर शॉट की गई इस फिल्म में श्लोक शर्मा मुंबई के स्लम्स की कहानी को अलग तरीके से कहने की कोशिश करते हैं। फिल्म में शशांक अरोड़ा एक कॉफी शॉप में वेटर का काम करते हैं, इसके अलावा साइड बिज़नेस के तौर पर वो ड्रग भी बेचते हैं। शशांक के किरदार का नाम बिक्की है और वो ड्रग्स छोड़ना चाहता है। बिक्की को तगड़ा झटका तब लगता है जब उसका छोटा फुटबॉल खेलने वाला भाई भी ड्रग्स की दुनिया में घुस जाता है। वहीं श्वेता त्रिपाठी इस फिल्म में एक ड्रग एडिक्ट अमीर लड़की का किरदार निभा रही है जो अपने पास्ट से बाहर निकलने के लिए कोकेन का सहारा लेती है लेकिन फिर वो लत का शिकार हो जाती है। इसके अलावा फिल्म में दो मुंबई के रैपर्स ने भी महत्वपूर्ण किरदार निभाए हैं। ये दोनों धारावी के लोग हैं और रियल लाइफ में भी रैपर हैं।