Shikara Movie Review, Rating, and Release LIVE Updates: बॉलीवुड की मच अवेटेड फिल्म शिकारा (shikara) आज यानी 7 फरवरी को रिलीज हो गई। कश्मीरी पंडितों की लाइफ पर बनी ये फिल्म आपको अंदर तक झकझोर कर रख देगी। फिल्म शिकारा एक ऐसी ही फिल्म है जिसमें कश्मीरी पंडितों का दुख, सुख, प्यार और इमोशंस को पूरी ईमानदारी के साथ दिखाया गया है। फिल्म की कहानी शिव और शांति के इर्द गिर्द घूमती हुई नजर आती है जो कि कश्मीर में रह रहे सीधे-साधे कश्मीरी पंडित हैं।
लेकिन इन दोनों के लाइफ में उस वक्त भूचाल मचता है जब इन्हें कश्मीर घाटी से बाहर अपना आशियाना छोड़कर रिफ्यूजी कैंप में जाना पड़ता है। फिल्म के निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने शिव और शांति के प्यार की दास्तां और अपने घर से बिछड़ने के दर्द को बखूबी बड़े पर्दे पर दिखाया है। आदिल और सादिया दोनों ने ही अपने किरदार को शानदार ढंग से निभाया है और दमदार अभिनय किया है।
Highlights
अनुभूति कश्यप जाने-माने निर्देशक अनुराग कश्यप की बहन हैं। अनुभूति इससे पहले 'देव डी' और 'गैंग्स आफ वासेपुर' जैसी फिल्मों में अनुराग कश्यप को असिस्ट कर चुकी हैं। 'अफसोस' के साथ वो अपना डिजिटल डेब्यू करने को तैयार हैं।
फिल्म में घाटी से कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक पलायन को इस तरह दिखाया गया है जिससे कि मुस्लिमों की खराब छवि उभरती है जो कि सभी कश्मीरियों की भावनाओ को आहत करने वाला है।
फिल्म की कहानी शुरू होती है 1987 में जब कश्मीर घाटी कश्मीरी पंडितों की भी उतनी ही थी, जितनी कश्मीरी मुसलमानों की और फिल्म खत्म होती है 2018 में जब हजारों कश्मीरी पंडित अभी भी शरणार्थी का जीवन जीने को मजबूर हैं।
कश्मीर में इस फिल्म की शूटिंग हुई है निर्देशक ने एक्स्ट्रा कलाकारों के रूप में कश्मीरी लोगों को जोड़ा है।
शिव कविताएं लिखता है शांति नर्स है। इस घटना के बाद दोनों में प्यार हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं। वह अपनी पहली रात डल झील में एक शिकारा में बिताते हैं, इसीलिए शांति अपने नए घर का नाम शिकारा रखती है।
आज से करीब 30 साल पहले, 19 जनवरी 1990 को हजारों कश्मीरी पंडितों को आतंक का शिकार होकर अपना घर छोड़ना पड़ा था जिसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनके लिए कुछ होगा लेकिन उनके पक्ष में कहीं से कोई आवाज नहीं उठी तब से लेकर अब तक 30 साल बीत गए लेकिन वो आज भी अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं।
याचिका में ये कहा गया है कि फिल्म में घाटी से कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक पलायन को इस तरह दिखाया गया है जिससे कि मुस्लिमों की खराब छवि उभरती है जो कि सभी कश्मीरियों की भावनाओ को आहत करने वाला है।
याचिका में भारत सरकार (सूचना और प्रसारण मंत्रालय), जम्मू और कश्मीर सरकार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, NFDC, विधू विनोद चोपड़ा प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा को प्रतिवादी बनाया गया है।
निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'शिकारा' पर बैन लगाने की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी घाटी से तीन दशक पहले कश्मीरी पंडितों के पलायन की बैकग्राउंड पर बनी है ये फिल्म