Shikara Movie Review, Rating, and Release LIVE Updates: बॉलीवुड की मच अवेटेड फिल्म शिकारा (shikara) आज यानी 7 फरवरी को रिलीज हो गई। कश्मीरी पंडितों की लाइफ पर बनी ये फिल्म आपको अंदर तक झकझोर कर रख देगी। फिल्म शिकारा एक ऐसी ही फिल्म है जिसमें कश्मीरी पंडितों का दुख, सुख, प्यार और इमोशंस को पूरी ईमानदारी के साथ दिखाया गया है। फिल्म की कहानी शिव और शांति के इर्द गिर्द घूमती हुई नजर आती है जो कि कश्मीर में रह रहे सीधे-साधे कश्मीरी पंडित हैं।

लेकिन इन दोनों के लाइफ में उस वक्त भूचाल मचता है जब इन्हें कश्मीर घाटी से बाहर अपना आशियाना छोड़कर रिफ्यूजी कैंप में जाना पड़ता है। फिल्म के निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने शिव और शांति के प्यार की दास्तां और अपने घर से बिछड़ने के दर्द को बखूबी बड़े पर्दे पर दिखाया है। आदिल और सादिया दोनों ने ही अपने किरदार को शानदार ढंग से निभाया है और दमदार अभिनय किया है।

Live Blog

Highlights

    13:05 (IST)07 Feb 2020
    अनुभूति कश्यप ने किया डेब्यू

    अनुभूति कश्यप जाने-माने निर्देशक अनुराग कश्यप की बहन हैं। अनुभूति इससे पहले 'देव डी' और 'गैंग्स आफ वासेपुर' जैसी फिल्मों में अनुराग कश्यप को असिस्ट कर चुकी हैं। 'अफसोस' के साथ वो अपना डिजिटल डेब्यू करने को तैयार हैं।

    12:49 (IST)07 Feb 2020
    कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक पलायन की कहानी है शिकारा

    फिल्म में घाटी से कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक पलायन को इस तरह दिखाया गया है जिससे कि मुस्लिमों की खराब छवि उभरती है जो कि सभी कश्मीरियों की भावनाओ को आहत करने वाला है।

    12:12 (IST)07 Feb 2020
    फिल्म की कहानी शुरू होती है...

    फिल्म की कहानी शुरू होती है 1987 में जब कश्मीर घाटी कश्मीरी पंडितों की भी उतनी ही थी, जितनी कश्मीरी मुसलमानों की और फिल्म खत्म होती है 2018 में जब हजारों कश्मीरी पंडित अभी भी शरणार्थी का जीवन जीने को मजबूर हैं।

    11:54 (IST)07 Feb 2020
    फिल्म में जोड़ा गया है कश्मीरी कलाकारों को

    कश्मीर में इस फिल्म की शूटिंग हुई है निर्देशक ने एक्स्ट्रा कलाकारों के रूप में कश्मीरी लोगों को जोड़ा है।

    11:22 (IST)07 Feb 2020
    इस वजह से फिल्म का नाम पड़ा शिकारा

    शिव कविताएं लिखता है शांति नर्स है। इस घटना के बाद दोनों में प्यार हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं। वह अपनी पहली रात डल झील में एक शिकारा में बिताते हैं, इसीलिए शांति अपने नए घर का नाम शिकारा रखती है।

    11:21 (IST)07 Feb 2020
    क्या हुआ कश्मीरी पंडितों के साथ

    आज से करीब 30 साल पहले, 19 जनवरी 1990 को हजारों कश्मीरी पंडितों को आतंक का शिकार होकर अपना घर छोड़ना पड़ा था जिसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनके लिए कुछ होगा लेकिन उनके पक्ष में कहीं से कोई आवाज नहीं उठी तब से लेकर अब तक 30 साल बीत गए लेकिन वो आज भी अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं।

    11:18 (IST)07 Feb 2020
    क्या कहा गया है याचिका में

    याचिका में ये कहा गया है कि फिल्म में घाटी से कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक पलायन को इस तरह दिखाया गया है जिससे कि मुस्लिमों की खराब छवि उभरती है जो कि सभी कश्मीरियों की भावनाओ को आहत करने वाला है।

    11:16 (IST)07 Feb 2020
    इन लोगों के बनाया गया है प्रतिवादी

    याचिका में भारत सरकार (सूचना और प्रसारण मंत्रालय), जम्मू और कश्मीर सरकार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, NFDC, विधू विनोद चोपड़ा प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा को प्रतिवादी बनाया गया है।

    11:15 (IST)07 Feb 2020
    जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका

    निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'शिकारा' पर बैन लगाने की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी घाटी से तीन दशक पहले कश्मीरी पंडितों के पलायन की बैकग्राउंड पर बनी है ये फिल्म