बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली शाह किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक बेहतरीन किरदार किए हैं। उन्हीं में से एक है सच्ची घटना पर आधारित ‘दिल्ली क्राइम’ में उनका डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी का किरदार। इस सीरीज का दूसरा पार्ट भी आ चुका है और इसमें शेफाली के किरदार के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय एमी के लिए नॉमिनेट किया गया है।

सोमवार को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के विशेष कार्यक्रम ‘एक्सप्रेस अड्डा’ में शेफाली शाह ने शिरकत की और ग्रुप कार्यकारी निदेशक अनंत गोयनका के साथ खास बातचीत की। शेफाली ने अपने करियर, बॉलीवुड इंडस्ट्री, स्टार्स समेत कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने फिल्म डायरेक्टर विपुल शाह की फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के बारे में भी बात की। बता दें कि विपुल शाह, शेफाली के पति हैं। एक्ट्रेस ने उनकी फिल्म को मिली नफरत को लेकर बात की। उन्होंने बताया फिल्म के ट्रेलर रिलीज के बाद उन्हें लोगों ने खूब भला बुरा सुनाया था।

‘द केरल स्टोरी’ का टीजर शेयर कर ट्रोल हुईं थीं एक्ट्रेस

दरअसल शेफाली से पूछा गया था कि क्या वह ‘द केरल स्टोरी’ का हिस्सा बनना पसंद करतीं? इसपर उन्होंने कहा, “मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे आमतौर पर सोशल मीडिया पर बहुत प्यार और सम्मान मिलता है। मैंने इसका (द केरल स्टोरी) ट्रेलर शेयर किया, मैं आपको बता नहीं सकती कि इसके लिए मुझे कितनी बुरी तरह ट्रोल किया गया। लोगों ने रातों रात मुझसे नफरत करना शुरू कर दिया।”

फिल्म का हिस्सा बनने के सवाल पर शेफाली ने आगे कहा, “अगर मुझे सबूत के साथ ये ऑफर की गई होती तो क्यों नहीं? ये बताना उतना ही जरूरी है जितना ‘दिल्ली क्राइम’। लेकिन अगर कोई सबूत नहीं होता और अगर यह काल्पनिक होता, तो मैं इससे बहुत सावधान रहूंगी। लेकिन मैं इस फिल्म के तथ्य के बारे में जानती हूं। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी है, मैंने उन सभी बयानों को पढ़ा है जो सरकार की ओर से आए हैं, तो क्यों नहीं? और अगर वह एक हिंदू महिला होती तो भी मैं इसे निभाती। मेरे हिसाब से यह एक महिला के बारे में था, यह किसी धर्म के बारे में नहीं था, यह आतंकवादियों के बारे में था।”

‘द केरल स्टोरी’ इस साल की सबसे विवादित फिल्म रही है। इसमें अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सिद्धि इदनानी और सोनिया बलानी मुख्य किरदारों में दिखाई गई हैं। ‘द केरल स्टोरी’ को पहले आधिकारिक तौर पर 32,000 से अधिक केरल की महिलाओं की कहानी बताया गया था, जिन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों ने बरगला कर कट्टरपंथी बनाया था। लेकिन बाद में इन आंकड़ों को बदल दिया गया था, जिसे लेकर फिल्ममेकर को काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा मेकर्स पर गलत सूचना फैलाने का भी आरोप लगाया जा रहा था।