अभिनेत्री मुमताज ने हिंदी फिल्म जगत में बहुत नाम कमाया। उन्होंने अपने दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ काफी फिल्में की जो सफल रहीं। फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करते हुए मुमताज का दिल शम्मी कपूर पर आया था। साल 1967 में दोनों फिल्म, ‘ब्रह्मचारी’ की शूटिंग कर रहे थे। यहीं मुमताज ने शम्मी कपूर से अपने प्यार का इजहार किया था।
शम्मी कपूर उन दिनों अपनी पत्नी गीता बाली को खो चुके थे। गीता बाली 1965 में गुजर गईं और अपने पीछे एक बेटा आदित्य राज कपूर और बेटी कंचन केतन को छोड़ गईं। शम्मी कपूर फिल्मों और बच्चों में सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे थे। घरवालों का भी दबाव था कि वो शादी कर लें ताकि बच्चों को एक मां मिल जाए।
जब मुमताज ने शम्मी कपूर के सामने अपने प्यार का इजहार किया तो शम्मी कपूर भी उन्हें पसंद करने लगे। अनु कपूर ने अपने रेडियो शो, ‘सुहाना सफर विद अनु कपूर’ में बताया था कि एक दिन शम्मी शम्मी ने मुमताज के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया।
18 साल की मुमताज शादी तो करना चाहतीं थीं लेकिन शम्मी कपूर की एक शर्त उन्हें नागवार गुजरी। दरअसल शम्मी कपूर ने शर्त रखा कि वो शादी के बाद फिल्में छोड़ देंगी और उनके बच्चों को संभालेंगी। मुमताज ने जब ये शर्त सुनी तो शादी से तुरंत इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों की राहें जुदा हो गईं और दोनों फिर किसी फिल्म में भी साथ नजर नहीं आए।
मुमताज का शादी करने सेटल न होने का फैसला सही साबित हुआ। आगे के वर्षों में राजेश खन्ना के साथ उनकी जोड़ी बन गई और दोनों ने कई सुपरहिट फिल्में दी। मुमताज राजेश खन्ना की सबसे फेवरेट हीरोइन थीं। राजेश खन्ना के दोस्त भूपेश ने बताया था कि काका मुमताज से कहते थे कि ‘शोले’ में बसंती की जगह तुम्हें होना चाहिए था।
राजेश खन्ना और मुमताज की दोस्ती इतनी गहरी थी कि जब मुमताज किसी और हीरो के साथ फिल्म साइन करतीं तो काका नाराज़ हो जाते थे। एक लाइव सेशन में मुमताज ने बताया था, ‘राजेश खन्ना मुझे लेकर काफी सतर्क रहते थे। जब भी मैं सुनील दत्त या धर्मेंद्र जी के साथ कोई फिल्म साइन करती तो वो पूरे दिन मुझसे बात नहीं करते थे।’