बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त आज एक बड़ा नाम हैं, उनकी मां नरगिस दत्त भी अपने जमाने की बेहतरीन अदाकारा थीं। नरगिस की फिल्में जितनी पसंद की जाती थीं उतनी ही उनकी खूबसूरती के लोग कायल थे, मगर उनकी मौत बेहद दर्दनाक रही। नरगिस जिस वक्त कैंसर की लड़ाई लड़ रही थीं उस वक्त उनके बेटे संजय की डेब्यू फिल्म रिलीज होने वाली थी।
बेटे की डेब्यू फिल्म से पहले कोमा में चली गईं नरगिस
अमेरिका के एक अस्पताल में नरगिस भर्ती थीं, सुनील दत्त वहां अपनी पत्नी का इलाज कराने ले गए थे। मगर डॉक्टर्स ने कह दिया कि नरगिस का सपोर्ट सिस्टम बंद कर देना चाहिए। नरगिस की हालत इतनी खराब हो गई थी कि वो कोमा में चली गई थीं। कई दिनों तक नरगिस को होश नहीं आया और उनकी 7 सर्जरी हो चुकी थी।
जब नरगिस की सातवीं सर्जरी होने वाली थी तब डॉक्टर्स ने उनके पति सुनील दत्त से बताया कि अब नरगिस को नहीं बचाया जा सकता है, मगर सुनील दत्त को हमेशा लगता था कि वो ऐसे तो नहीं जाएंगी। वो अपनी आंखें खोलेंगी बेटे की डेब्यू फिल्म देखेंगी। सुनील दत्त बेहद निराश और हताश थे और अस्पताल में दिन रात भगवान से प्रार्थना करते थे कि नरगिस को होश आ जाए। अस्पताल के पास एक चर्च था सुनील दत्त अक्सर वहां जाकर पत्नी की सलामती की दुआ मांगते थे।
सुनील दत्त की दुआओं से कोमा से बाहर आईं
सुनील दत्त की प्रार्थनाओं ने असर दिखाना शुरू किया और एक दिन नरगिस कोमा से बाहर आ गईं। “डॉक्टर्स से लेकर अस्पताल का पूरा स्टाफ बहुत खुश था। लोगों ने तो नरगिस को मिरेकल लेडी तक कहना शुरू कर दिया। नरगिस स्वस्थ महसूस कर रही थीं। हालांकि उनकी तबीयत अभी ठीक नहीं थी।
रॉकी का प्रीमियर देखना चाहती थीं नरगिस
नरगिस का बड़ा मन था कि वो बेटे की डेब्यू फिल्म देखें। वो रॉकी के प्रीमियर में शामिल होना चाहती थीं। उन्होंने पति सुनील दत्त से कहा भी कि चाहे स्ट्रेचर पर ले जाना पड़े, मगर बेटे की पहली फिल्म वो देखने जरूर जाएंगी। सुनील दत्त ने सारा इंतजाम कर लिया। थिएटर के बाहर एंबुलेंस मंगवाई गई, जिसमें व्हीलचेयर, स्ट्रेचर – सबकुछ तैयार था। थियेटर में सुनील दत्त और संजय दत्त के बीच उनके बैठने का इंतजाम भी कर दिया गया । मगर बेटे की डेब्यू मूवी देखने का सपना नरगिस पूरा नहीं कर पाईं।
बेटे की पहली फिल्म से पहले दुनिया छोड़ गईं नरगिस
अचानक नरगिस की तबीयत बिगड़ गई और प्रीमियर से तीन दिन पहले 3 मई 1981 को नरगिस दत्त ने दुनिया छोड़ दी। दत्त परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। 3 दिन बाद संजय दत्त की डेब्यू मूवी रिलीज हुई, फिल्म हिट भी हुई, गाने भी पसंद किए गए। मगर परिवार ने कोई खुशी नहीं मनाई, मनाते भी कैसे, वजह तो इस दुनिया से जा चुकी थी। नरगिस को दुनिया छोड़े 44 साल से ज्यादा हो गए मगर आज भी संजय दत्त मां को याद करके इमोशनल हो जाते हैं।