महाराष्ट्र के पालघर में 16 – 17 अप्रैल की रात को दो साधुओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मॉब लिंचिग की इस घटना पर देश भर में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला था। साधुओं की हत्या को अब 7 महीने हो गए लेकिन अभी तक इस मामले में न्याय नहीं हो पाया है। इस मामले में लगातार सीबीआई जांच की मांग भी उठ रही है। इसी मुद्दे को उठाते हुए रिपब्लिक टीवी के डिबेट शो, ‘पूछता है भारत’ में डिबेट रखा गया।

अर्नब गोस्वामी ने पालघर के साधुओं के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा, ‘हम न तो भूले हैं, न ही भूलेंगे और न ही इस देश को भूलने देंगे। पालघर के संतो को न्याय ज़रूर दिलाएंगे। उनके लिए न्याय की मांग करते हुए आज एक यात्रा निकाली गई लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने उसे बीच में ही रोक दिया। लेकिन हम संतों पर पड़ी उन लाठियों की आवाज़ को तब तक सुनाते रहेंगे जब तक महाराष्ट्र की सत्ता में कान बंद करके बैठी सरकार बेचैन नहीं हो जाए।’ पैनल में मौजूद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि साधुओं की हत्या राजनीतिक साज़िश के तहत की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘मुझे अफसोस हो रहा है कि दो साधु पुलिस से गुहार लगा रहे थे कि हमें बचा लीजिए। लेकिन आप पुलिस के व्यवहार को देखिए, उन्होंने साधुओं को भीड़ की तरफ धक्का मार दिया। मैं एक बड़ा खुलासा करता हूं कि क्या आप जानते हैं वहां एनसीपी के एक बड़े नेता काशीनाथ चौधरी मौजूद थे। वो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के अत्यंत करीबी आदमी हैं। सीपीएम के तीन नेता वहां मौजूद थे। उनकी एक साज़िश थी और साज़िश के तहत ही साधुओं की हत्या की गई है। इसलिए ये सीबीआई से दूर भागना चाहते हैं।’

संबित पात्रा जब बोल रहे थे तब पैनलिस्ट प्रेम कुमार लगातार संबित पात्रा की बात को काटते हुए अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उनकी आवाज़ कम रखी गई थी। गुस्से में उन्होंने कहा, ‘संबित जी 2020 में उत्तर प्रदेश में 9 साधुओं की हत्या हुई है। पीसीआर वालों मेरी आवाज बढ़ाओ। ये संबित पात्रा जी गवर्नर और लाट साहब नहीं हैं कि उनकी आवाज़ आप उठा कर रखेंगे और प्रेम कुमार की दबा कर रखेंगे। उठाओ हमारी आवाज़, अर्नब जी आवाज़ हमारी उठवाइए। बर्खास्त करो योगी सरकार को।’