Saif Ali Khan Birthday: पटौदी परिवार के 10वें नवाब अभिनेता सैफ़ अली ख़ान का आज जन्मदिन है। 16 अगस्त 1970 को जन्मे सैफ आज 51 वर्ष के हो चुके हैं। सैफ़ पटौदी खानदान के ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री को चुना। उनकी मां शर्मिला टैगोर हालांकि अभिनेत्री रह चुकीं हैं। सैफ के पिता नवाब मंसूर अली ख़ान पटौदी क्रिकेटर थे। सैफ़ को क्रिकेट पसंद था और उन्होंने कुछ समय क्रिकेट खेला भी लेकिन बाद में वो फ़िल्मों की तरफ़ मुड़ गए। वो पटौदी परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने पैसे कमाना शुरू किया था। इसी बात को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने सैफ़ पर टिप्पणी कर दी थी कि वो पटौदी परिवार के पहले नवाब हैं जो मजदूर का काम कर रहे हैं।

आज तक के शो ‘सीधी बात’ में सैफ़ अली ख़ान ने बताया कि वो अपने पिता की तरह ही क्रिकेटर बनना चाहते थे। उन्होंने बताया था, ‘बचपन में मैं क्रिकेटर बनना चाहता था। पिता की तरह ही देश के लिए खेलना चाहता था। मैंने स्कूल तक खेला भी लेकिन जो लॉग अपने देश के लिए खेलते हैं, उनकी बात अलग होती है। मुझे लगता है कि मेरा इंटरेस्ट कहीं और था।’

इसी दौरान सैफ अली खान ने बताया कि वो 20 साल की उम्र में फिल्मों में आए थे और पैसे को लेकर ज्यादा नहीं सोचते थे, बस अपना काम करते थे। उनकी इस बात पर प्रभु चावला ने कहा था, ‘पैसे की चिंता तो रही नहीं होगी आपको? पैसा कमाना उद्देश्य तो नहीं रहा होगा? नवाब के बेटे को भी पैसा चाहिए?

जवाब में सैफ ने कहा, ‘मैं नवाबों के परिवार का पहला सदस्य हूं जो काम करता हूं। मैं इस बात पर गर्व महसूस करता हूं।’ उनकी इसी बात पर प्रभु चावला ने टिप्पणी कर दी, ‘आप ऐसे एक नवाब के बेटे हैं जो मजदूर का काम कर रहे हैं।’ उन्हें टोकते हुए सैफ़ अली खान ने कहा था, ‘मजदूर का काम नहीं है। मैं अपने काम से बहुत प्यार करता हूं।’

 

सैफ अली खान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फ़िल्म, ‘परंपरा’ से की थी। जब वो पहली बार फिल्मों में काम करने के लिए मुंबई आए तो उनकी मां शर्मिला टैगोर ने उन्हें मशहूर लेखक गुलजार के पास भेजा था। सैफ़ कुछ ही दिनों में गुलज़ार के पास से भाग खड़े हुए थे। उन्होंने अपनी मां को बताया था कि गुलजार एकांत में रहने वाले इंसान हैं, वो उनके साथ नहीं रह सकते।

सैफ़ की शुरुआती फिल्में फ्लॉप साबित हुई। साल 2004 में आई फ़िल्म ‘हम तुम’ से उनकी किस्मत बदली। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। इसके अगले ही साल विद्या बालन के साथ उनकी फिल्म, ‘परिणीता’ ने उन्हें सफल अभिनेताओं की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया था।