1986- 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामानंद सागर की ‘रामायण’ का हर एक किरदार दर्शकों के बीच अपनी छाप छोड़ गया। उन्हीं में एक शबरी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री भी रहीं, जिनका नाम सरिता देवी था। अब वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका काम आज भी याद किया जाता है। जब उन्हें ‘रामायण’ में शबरी का रोल ऑफर हुआ तब उन्हें इंडस्ट्री में 45 साल हो चुके थे। उन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था, लेकिन पहचान उन्हें इस रोल ने दिलाई। उनका जीवन बहुत कष्ट में बीता था, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

सरिता देवी का जन्म 1925 में राजस्थान के एक गांव में हुआ था और उन्होंने 40 के दशक में फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उस वक्त किसी आम महिला के लिए एक्टिंग करियर चुनना काफी मुश्किल था। उस वक्त जब महिलाएं पर्दा करके रहती थीं, उस वक्त सरिता देवी ने बड़े पर्दे पर आना चुना। समाज में उनकी खूब आलोचना हुई, लेकिन उनके पिता ने उन्हें सपोर्ट किया।

सरिता देवी ने साल 1947 में आई फिल्म ‘तोहफा’ से एक्टिंग में डेब्यू किया था और फिर वो ‘चौबेजी’, ‘लव मैरिज’, ‘सोने की चिड़िया’, ‘देवदास’ और ‘गंगा की सौगंध’ समेत कई फिल्मों में नजर आईं। उन्होंने काम तो 200 से अधिक फिल्मों में किया, लेकिन कभी लीड एक्ट्रेस नहीं बन पाईं, वो हमेशा ही सपोर्टिंग रोल करती रहीं, जिसके कारण वो दर्शकों के बीच अपनी पहचान नहीं बना पाईं।

‘बीते हुए दिनों’ ब्लॉग में उनके बारे में काफी कुछ जानकारी दी गई है। उसमें बताया गया कि साल 2001 में सरिता देवी की पार्किंसंस रोग के कारण मृत्यु हो गई। उन्होंने 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। मगर जब तक वो जीवित रहीं, उन्हें बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था।

12 साल की उम्र में की थी शादी

सरिता देवी ने दो शादी की थी, उनकी पहली शादी महज 12 साल की उम्र में हुई थी, लेकिन शादी के दो महीने ही बीते थे कि उनके पति की मौत हो गई। बाद में उन्होंने ड्रामा कंपनी के मालिक लालजी गोहिल से शादी की और उनके दो बेटे और एक बेटी हुई। मगर उनकी जिंदगी में खुशियां ज्यादा समय तक नहीं टिकीं। 1990 में उनके पति का निधन हो गया और कुछ साल बाद उनका बड़ा बेटा भी दुनिया से चला गया। मगर वो मजबूती से खड़ी रहीं और उन्होंने अपना फिल्मी करियर भी जारी रखा।

सरिता देवी ने अपने करियर में हिंदी सिनेमा जगत की बड़े-बड़े हीरो के साथ काम किया था। उन्होंने राज कपूर, दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, देवानंद, मनोज कुमार, अशोक कुमार, शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के साथ काम करने का मौका मिला था। इतना ही नहीं सरिता ने सात रूसी फिल्मों को हिन्दी में डब किया था। रूसी फिल्म ‘पेडेनिये बर्लिना’ के लिए डायमंड पिक्चर्स की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया गया था।