बॉलीवुड फिल्मों और टीवी की दुनिया में काफी काम कर चुकीं शगुफ्ता अली बहुत बीमार चल रही हैं। एक्ट्रेस इस वक्त आर्थिक तंगी से भी गुजर रही हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि पिछले 4 सालों से उन्हें इंडस्ट्री में काम नहीं मिला है। रानी मुखर्जी के साथ फिल्म मेहंदी फिल्म में काम कर चुकीं शगुफ्ता अली का दर्द अब छलका है। ऐसे में एक्ट्रेस अब खुलकर अपना दुख सबको बता रही हैं कि वह डाइबिटिक पेशेंट हैं साथ ही उन्हें और भी कईं शारीरिक तकलीफ हैं।

काम न होने की वजह से उनके पास अब अस्पताल के बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं। अस्पताल के खर्च, मेडिकल बिल को भरने के लिए वह अपने घर का सामान तक बेचने को मजबूर हो गई हैं। स्पॉटबॉय को दिए इंटरव्यू में टीवी एक्ट्रेस ने बताया कि पिछले 20 सालों से वह बीमार हैं औऱ सरवाइव कर रही हैं। हालांकि उस वक्त उन्हें इतनी तकलीफ नहीं थी, तब वह सब कुछ संभाल पा रही थीं।श

शगुफ्ता ने बताया कि उन्हें – थर्ड स्टेज कैंसर था। पहली बार इस बात को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई नहीं जानता कि उनके क्या हालात हैं। इंडस्ट्री में कुछ ही करीबी दोस्त हैं जो शगुफ्ता की हालत से परिचित हैं। एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें पता चला कि उन्हें ब्रेस्ट केंसर है, वह भी तीसरी स्टेज का। ऐसे में उन्होंने गांठों को हटाने के लिए ऑपरेशन करवाया। उस वक्त उन्होंने सब कुछ संभाला था।

इंडस्ट्री में 36 साल पूरे कर चुकीं शगुफ्ता ने कहा- ‘4 साल से काम में बहुत कमी आई है। कुछ काम तो 99% होने के बाद भी मना हो गया। इस बीच मैंने एक फिल्म में भी काम किया। लेकिन वह पूरी नहीं हुई। इसके बाद कोरोना काल आ गया। मैंने साथ निभाना साथिया किया। 17 साल की उम्र में मैंने काम करना शुरू किया था। अब मैं 54 की हूं। लेकिन बीते 4 सालों मैंने वो देखा जो पूरी जिंदगी नहीं देखा।’

उन्होंने आगे कहा- ‘मेरे पास कोई मदद नहीं थी। बहुत कम लोगों को पता है कि मैं फाइनेंशियल क्राइसेस से गुजर रही हूं, ऐसे में मुझे अपने घर का सामना बेच कर बिल चुकता करना पड़ रहा है।’

शगुफ्ता ने कहा कि ‘मैंने अपनी गाड़ी बेच दी, अपने जेवर बेच दिए। मैं जब डॉक्टर के पास जाती हूं तो अब ऑटो रिक्शा से आती जाती हूं। मैंने खुद को बनाया है, इतना करने के बाद ये सब देखना मुझे बहुत दुख देता है। मेरे पास कोई सपोर्ट नहीं है, इंडस्ट्री से भी किसी ने मुझे नहीं पूछा। मुझे अब पैसों की जरूरत है। काम भी चाहिए जीने के लिए। मैं समझ नहीं पा रही हूं कि क्या करूं, खुल कर बोलूं और मदद मांगूं या फिर चुप रहूं। अब मुझे जरूरत है मदद की क्योंकि मेरे पास अब कुछ नहीं बचा बेचने को। मुझे लोगों का कर्ज भी चुकाना है। जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी।’