देश में पेट्रोल, डीजल, तेलहन आदि की महंगाई को लेकर आम जनता परेशान है। ऐसे में बीजेपी नेताओं की तरफ से महंगाई पर आने वाले अजीबोगरीब बयानों की काफी आलोचना भी हो रही है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तब बीजेपी ने उस वक्त की महंगाई को बड़ा मुद्दा बनाते हुए कई धरने प्रदर्शन किए थे। नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस की सरकार की आलोचना की थी। 13 जून 2013 का उनका एक ट्वीट वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कांग्रेस की सरकार पर निशाना साधा था। इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सपा नेता आईपी सिंह और पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने नरेंद्र मोदी पर तंज़ किया है।

दरअसल नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘दिल्ली में बैठी कांग्रेस की सरकार महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही गरीब जनता के घाव पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।’

इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने लिखा, ‘चचा नरेंद्र मोदी आपने तो मंहगाई से त्राहि-त्राहि कर रही गरीब जनता के घाव पर नमक छिड़कर उसे रगड़ दिया और मोर को दाना खिलाते रहे।’

 

 

नरेंद्र मोदी के ट्वीट पर सूर्य प्रताप सिंह ने निशाना साधते हुए लिखा, ‘मोदी जी के सबसे अच्छे आलोचक मोदी जी हैं।’

 

 

दोनों ट्वीट्स पर ट्विटर यूजर्स की ढेरों प्रतिक्रिया सामने आ रही है। प्रत्युष कुमार नाम के एक यूजर ने सूर्य प्रताप सिंह को जवाब दिया, ‘लो भाई, मोदी जी की स्मार्ट सिटी और उसमें घूमने के लिए स्मार्ट पेट्रोल। इस स्मार्ट सिटी के बहुत से फायदे हैं। कृपया बुलेट ट्रेन के लिए हंगामा न करें, स्मार्ट सिटी में बुलेट ट्रेन बहुत तेज चल रही है इसलिए दिख नहीं रही।’

 

 

आशीष शुक्ला नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘अब मोदी जी इससे ऊपर उठ चुके हैं, अब उनको कोई मोह माया नहीं रह गया है। वो सिर्फ़ अब देश की जनता को मोह माया से मुक्त करने में लगे हुए हैं।’ पुष्पेंद्र सिंह नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘अब तो मोदीजी महंगाई से त्रस्त जनता के घावों पर नमक नहीं, सीधे मिर्च पाउडर ही उड़ेल रहे हैं।’

 

रमेश पांडे नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘आज मोदी जी का बोला गया एक एक शब्द स्वयं सवाल बनकर खड़ा हो गया है, लेकिन अपने शब्दों पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, शब्दों का पहाड़ खड़ा हो चुका है।’ परमात्मा निषाद लिखते हैं, ‘हम लोग हिंदू-मुस्लिम, धर्म और जाति में इतना ज्यादा व्यस्त हैं या व्यस्त कर दिए गए हैं कि ये सभी जरूरी मुद्दे हमें दिखाई ही नहीं दे रहे हैं।’