बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन ने साल 1991 में फिल्म ‘पत्थर के फूल’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। रवीना 90 के दशक की सफल एक्ट्रेसेस में से एक हैं, जो आज भी एंटरटेनमेंट की दुनिया में अपने काम का दबदबा बनाए हुए हैं। रवीना फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पिता रवि टंडन मशहूर निर्देशक और निर्माता रहे हैं। उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में ‘खेल खेल में’, ‘झूठा कहीं का’, ‘खुद्दार’ जैसी फिल्में बनाई हैं।
हाल ही में दिए इंटरव्यू में रवीना टंडन ने बताया कि इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर की बेटी होने के बावजूद, उनका कोई गॉडफादर नहीं रहा। उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाई। रवीना ने बताया कि करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने बहुत संघर्ष किया था।
जूम को दिए इंटरव्यू में रवीना ने बताया शुरुआत में उनका एक्टर बनने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था। एक टैलेंट स्काउट ने उन्हें खोज निकाला और Sunsilk शैम्पू का विज्ञापन ऑफर हुआ। रवीना ने कहा,”मेरे साथ बस चीजें हो गई। ऐसा नहीं था कि मेरे पिता ने लोगों से काम के लिए कहा। उन्होंने मुझे बताया कि क्या गलत है और क्या सही है और चीजों से कैसे निपटना है लेकिन मैंने अपना करियर खुद बनाया। मेरे सिर पर किसी गॉडफादर का हाथ नहीं था। यह पूरी तरह से नियति थी कि मुझे जो भी काम मिला, वह मिला।”
एक घटना को याद करते हुए रवीना ने बताया, “एक रात, मैंने एक झुग्गी बस्ती में लोगों की रहने की स्थिति देखी और मुझे एहसास हुआ कि मैं किस लिए रो रही हूं? मेरे पास यह महंगी कार है। हालांकि वह कार मैंने खरीद थी, वह मेरी मेहनत की कमाई थी।”
एक्ट्रेस ने आगे कहा,”हर कोई बुरे वक्त से गुजरता है। मेरे पिता ने भी जीवन में बहुत मुश्किलें देखी हैं। एक समय था जब मैं बस में सफर करती थी और किराये के लिए मेरी जेब में एक रुपये होते थे। मैंने भी वो समय जिया है।” एक्ट्रेस ने कहा कि ट्रोल्स ऐसा दिखाते हैं कि सभी का जीवन आसान है, लेकिन ऐसा नहीं होता। “हमने उस पैसे के लिए कड़ी मेहनत की है।”