रत्ना पाठक इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘धक-धक’ को लेकर चर्चा में हैं। वह जोर-शोर से अपनी फिल्म का प्रमोशन कर रही हैं। हाल ही में दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। रत्ना ने ये भी बताया कि इस फिल्म के लिए उन्होंने 65 साल की उम्र में बाइक चलाना सीखा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सीनियर महिला एक्ट्रेसेस के लिए अब इंडस्ट्री में काम की कमी है।
रत्ना ने हाल ही में वहीदा रहमान को मिलने वाले दादा साहब फाल्के अवॉर्ड को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि महान अभिनेता को इस तरह की पहचान देना ही पर्याप्त नहीं है, उन्हें काम भी मिलना चाहिए।
फिल्म कंपैनियन को दिए इंटरव्यू में रत्ना ने कहा, “जब मैं मेरिल स्ट्रीप (74) और हेलेन मिरेन (78) को देखती हूं, तो मुझे लगता है कि अगर वे ऐसा कर सकते हैं, तो मैं भी कर सकती हूं। और मुझे खेद है कि हमारे देश में वहीदा रहमान को वह भूमिका नहीं मिलती जिसकी वह हकदार हैं। वह कितनी शानदार महिला हैं, और वह कितनी शानदार अभिनेत्री हैं। वे बस इतना करना चाहते हैं कि उन्हें एक छोटा सा पुरस्कार दें और उन्हें एक कोने में बिठा दें। सच में? भगवान के लिए उन्हें एक अच्छा रोल दें। पुरस्कार अपने पास रखो।”
अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें पहले लगता था कि महिला एक्ट्रेसेस की शेल्फ लाइफ होती है। “हम कैसे दिखने लगे हैं इससे हमें समझौता करना होगा। और सच यह है कि आपका शरीर बदल रहा है। और अगर मैं इसके साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करना चाहती, तो मुझे ये स्वीकार करना होगा कि मैं क्या हूं। एक महिला के रूप में मैंने सोचा था कि अभिनय की एक शेल्फ लाइफ होती है। मैंने सोचा था मैं तब तक अभिनय करती रहूंगी जब तक मैं सुंदर दिखूंगी और फिर मैं कुछ और करूंगी। मैं कल्पना नहीं कर सकती कि मैंने ऐसा सोचा था, लेकिन ये ही सच है।”
