बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह की पत्नी ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में करवा चौथ व्रत को लेकर टिप्पणी की थी। जिसके बाद से उन्हें सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है। रत्ना ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इक्कीसवीं सदी में महिलाएं करवा चौथ जैसे रीति-रिवाजों का पालन कर रही हैं। उन्होंने इसे ‘भयावह’ करार दिया। इस पर बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
शर्लिन चोपड़ा ने किया ट्वीट
बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्लिन चोपड़ा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए जाती हैं। इसी क्रम में शर्लिन ने रत्ना के स्टेटमेंट पर भड़कते हुए ट्वीट किया हैं। दरअसल आज तक एंकर शुभांकर मिश्रा ने ट्विटर एक ब्लॉग शेयर किया था जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं कि नसीरुद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक ने जब कहा कि क्या मैं पागल हूं जो करवा चौथ का व्रत रखूंगी।
इससे मुझे कोई अपत्ति नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं जान गया हूं कि अगर आपको परजीवी बनना है या सुर्खियों में आना है तो आप हिंदू धर्म को टारगेट कीजिए, करना भी आसान होता है, आप किसी भी हद तक बोल सकते हैं और सर तन से जुदा होने का डर भी नहीं होता। लेकिन आपने जो कहा था पढ़ी लिखी लड़कियां मुझे इस बात से आपत्ति है।
क्योंकि यह उनकी पसंद है। आपने तो ना अपनी शादी में फेरे लिए ना निकाह किया, आपने बीच पर जा कर इंज्वॉय किया और आपने उसे शादी मान लिया। वो आपकी पसंद थी। इस पर शर्लिन ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा कि शुभांकर जी, हलाला, ट्रिपल तलाक़, चार-चार शादियां और ‘सर तन से जुदा’ पर क्या टिप्पणी है मैडम की???
लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं
शर्लिन चोपड़ा के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कमल नाम के यूजर ने लिखा कि चुप रहना है उस पर रत्ना पाठक जी को। एक यूजर ने लिखा कि अब किसी को कुछ भी नहीं बोलना चाहिए क्योंकि मीडिया सिर्फ हल्ला करने के लिए इसका बड़ा प्रचार करेगा। बेहतर होगा कि आप अपने विचार और राय अपने तक ही सीमित रखें। इसे सार्वजनिक न करें। निखिल नाम के यूजर ने लिखा कि कट्टर मुस्लिम नसरुद्दीन शाह को तीन तलाक बहुविवाह जैसी कुप्रथा से नहीं बल्कि “करवाचौथ” से परेशानी हैं।
पढ़ी लिखीं औरतें नहीं करतीं करवाचौथ
पिंकविला से बात करते हुए रत्ना ने कहा था, ‘किसी ने मुझसे पिछले साल पहली बार पूछा कि क्या मैं करवा चौथ का व्रत रख रही हूं। मैंने कहा, ‘क्या मैं पागल हूं?’ क्या यह भयावह नहीं है कि मॉडर्न और शिक्षित महिलाएं करवा चौथ करती हैं, पति के जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं ताकि उनकी उम्र लंबी हो? भारतीय संदर्भ में विधवा एक भयानक स्थिति है, है ना? तो इसका मतलब क्या कि कुछ भी करो जो मुझे विधवापन से दूर रखता है। सच में? 21वीं सदी में हम इस तरह की बात कर रहे हैं? शिक्षित महिलाएं ऐसा कर रही हैं।
