Ramayan Episode 2 April 2020, Updates: श्री राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा…और आ गया। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ रही है। वहीं समाज को स्पिरिचुअल पीस देने के लिए एक बार फिर से रामायण का प्रसारण किया जा रहा है। ऐसे में समाज को सही पथ पर लाने के लिए एक बार फिर ‘भगवान श्रीराम’ दूरदर्शन पर पधारे हैं। रामायण के री-टेलीकास्टिंग से दर्शक बेहद खुश हैं।

सीरियल में इस वक्त दिखाया जा रहा है कि श्रीराम के वनवास जाने के बाद राजा दशरथ चैन से नहीं रह पाते। वह अपने बेटे को हर पल याद कर रहे हैं। बेटे के वियोग से उन्हें याद आता है कि ये सब उन्हीं का किया धरा है। मनुष्य जैसा कर्म करता है वैसा ही फल पाता है। श्रीराम के वन जाने के पीछे असल वजह रानी केकई नहीं बल्कि खुद राजा दशरथ थे। दरअसल, केकई के वचन से पहले राजा दशरथ के साथ हुई एक आपबीती के चलते वह पुत्र राम से दूर हुए। श्रीराम के वन जाने के बाद बेशक राजन रानी केकई को कोसते हैं लेकिन बाद में वह अपने उस कर्म को याद करते हैं जिसकी वजह से उन्हें एक श्राप मिला था। ये श्राप किसी औऱ ने नहीं बल्कि श्रवण कुमार के माता पिता ने दिया था।

श्रवण कुमार अपने माता पिता को लेकर लंबी यात्रा पर निकले थे रास्ते में माता पिता को प्यास लगती है। तो श्रवण कुमार पानी लेने सरोवर चले जाते हैं। वहीं अयोध्या के राजकुमार यानी दशरथ जानवरों का शिकार करने निकले होते हैं। गलती से उनका बाण श्रवण को लग जाता है जहां श्रवण अपने प्राण त्याग देते हैं। श्रवण अंतिम इच्छा के तौर पर कहते हैं कि उनकी सेवा दशरथ पूरी करें औऱ वह उनके माता पिता को पानी पिला दें। जब राजकुमार श्रवण कुमार के माता पिता के पास पहुंचता है तो वह सच बताता है कि उसकी वजह से लाचार बूढ़े माता पिता ने अपना लाल खो दिया।

इस खबर को सुन श्रवण कुमार की मां मर जाती हैं वहीं पिता भी मर जाते हैं लेकिन जाते जाते वह दशरथ को श्रॉप देकर जाते हैं कि वह भी अपनी संतान के वियोग में मरेंगे। राजा दशरथ के अंतिम दिनों में होता यही है। राम के जाने के बाद उनकी तबीयत खराब हो जाती है औऱ वह अधमरे हो जाते हैं। इसके बाद उन्हें याद आता है जीव हत्या पाप है। हिंदु धर्म के अनुसार जीव हत्या पाप है। जीव की हत्या कैसे भी की गई हो, चाहे मनोरंजन के लिए, या फिर अपने खान-पान के लिए यह उचित नहीं है। अंत में इस पाप का कर्ज चुकाना ही पड़ता है। जानिए आज के एपिसोड में क्या होता है:-

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Highlights

    22:22 (IST)02 Apr 2020
    सीता से मिलने आए राजन जनक

    अयोध्या में क्या हो गया इस बारे मेंजानने के बाद सीता के माता पिता मिथिला देश से निकल पड़े हैं।

    22:03 (IST)02 Apr 2020
    राम को कहो मुझे दंड दें...

    माता केकई अपने किए पर शर्मिंदा हैं। वह सीता से कहती हैं कि सीता मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया है। राम से तुम ही कहो कि वह मुझे दंड दें।तभी मां सीता कहती हैं कि मां आप ऐसा क्यों कह रही हैं। स्वामी तो आपकी हमेशा तारीफ करते हैं।

    21:49 (IST)02 Apr 2020
    काल करवाता है सब...बोले श्रीराम

    इसके बाद श्रीराम अपनी तीनों माताओं से मिलते हैं। कैकई, कौशल्या और सुमित्रा तीनों राम से मिलने आती हैं। कैकई माफी मांगते हुए कहती हैं कि सारा दोष मेरा है। लेकिन  श्रीराम कहते हैं कि आपका कोई दोष नहीं ये तो बस काल है जो सब करवाता है।

    21:47 (IST)02 Apr 2020
    श्रीराम ने पूछा- वन क्यों आगए तुम, मिला ये जवाब

    श्रीराम ने पूछा- वन क्यों आगए तुम, मिला ये जवाब: भरत ने बताय़ा कि महाराज अब नहीं रहे वह परलोक सिधार गए।

    21:40 (IST)02 Apr 2020
    भरत के आने से खुलीं लक्ष्मण की आंखें..

    लक्ष्मण का भ्रम तब दूर होता है जब भरत आते ही श्रीराम के पैरों में गिर पड़ते हैं। भरत औऱ राम दोनों की आंखों में आंसू बहते हैं। भरत कहते हैं कि यह दशा राम की उनकी वजह से हुई है। भरत सीता से भी क्षमा मांगते हैं। लेकिन सीता अपने स्नेह के साथ भरत से कहती हैं कि नहीं भरत ऐसा न कहो। इसके बाद लक्ष्मण भी भरत से क्षमा मांगते हैं। भरत औऱ लक्ष्मण के बीत स्नेह से भरी बातें होती हैं। श्रीराम कहते हैं कि कैकई माता के बारे में कोई कुछ गलत नहीं कहेगा। राम कहते हैं कि भरत मुझे तुमसे ऐसी अपेक्षा नहीं है।

    21:32 (IST)02 Apr 2020
    लक्ष्मण को दूर से दिखा भरत, गुस्से में रामानुज

    लक्ष्मण भरत पर आरोप लगाते हैं कि वह राम को मारने आरहे हैं। श्रीराम लक्ष्मण को समधाते हैं कि जैसा वह सोच रहे हैं वैसा कुछ भी नहीं है। तभी भरत राम सीता और लक्ष्मण के सामने आ जाते हैं।

    21:28 (IST)02 Apr 2020
    श्री राम चंद्र को हुई भरत की चिंता

    इधर सीता माता को एक सपना आया। ऐसे में श्री राम सोचते हैं कि कहीं भरत को कोई दिक्कत न हो। लक्ष्मण भरत का नाम सुनते ही गुस्से में आ जाते हैं। वह कहते हैं कि भरत को कोई दिक्कत नहीं होगी। वह तो अपना राज सिंघासन संभाल रहा होगा।

    21:21 (IST)02 Apr 2020
    घास के बिछौने पर सोए थे श्री राम, भरत को जानकर हुआ दुख

    श्री राम जब वन के लिए निकले तो वह सीता और लक्ष्मण के साथ एक स्थान पर रुके। इस दौरान वह घास के बिछौने पर सोए थे। इस बारे में जब भरत को पता चला तो वह बहुत दुखी हुए। उन्होंने कहा कि भैय्या सूखी घास पर सोए औऱ तुम गद्दे पर सोए। भरत आगे तय करते हैं कि वह आगे का रास्ता पैदल नंगे पांव ही तय करेंगे।

    21:18 (IST)02 Apr 2020
    भरत को आर्य सुमंत लेकर पहुंचे वन के पथरीले रास्ते पर

    भरत को रास्ते में राम के मित्र मिलते हैं। ये वही मित्र हैं जो कुछ देर पहले समझते हैं कि भरत राम के शत्रु हैं। भरत जब राम मित्र से मिलते हैं तो वह उनके पैरों पर गिर जाते हैं। तभी दोनों एक दूसरे के गले मिलते हैं। वह कबूल करते हैं कि श्री राम के भाई के लिए उन्होंने गलत विचार रखे थे। 

    21:13 (IST)02 Apr 2020
    राम को मारना चाहता है भरत- लोगों में फैला ये भ्रम

    इधर जंगली कबीले वाले औऱ अयोध्यावासी समझ रहे हैं कि भरत जंगल अपने स्वार्थ के लिए जा रहा है। वह समझ रहे हैं कि राज पाठ हथियाने के लिए वह राम को जान से मारना चाहते हैं। 

    21:08 (IST)02 Apr 2020
    भरत लाएगे श्रीराम के लिए एक बुरी खबर..

    श्रीराम चंद्र को अभी नहीं पता कि अयोध्या में क्या हुआ है? उनके वन में जाने के बाद से ही राजा दशरथ का क्या हाल हुआ औऱ अंत में क्या हुआ।इस बारे में श्री राम को भरत बताएंगे।

    21:05 (IST)02 Apr 2020
    होने वाला है राम-भरत मिलाप

    भरत अयोध्या में आते ही राम भैय्या को ढूंढते हैं। लेकिन राम भैय्या कहीं नहीं मिलते। भरत को जब सारी कहानी का पता चलता है तो वह चतुरंग सेना लेकर वन की तरफ निकलने की तैयारी करते हैं।

    20:17 (IST)02 Apr 2020
    2 अप्रैल, 2019, सुबह नौ बजे के एप‍िसोड की मुख्‍य बातें

    पुत्र व‍ियोग में दशरथ प्राण त्‍याग चुके हैं।अयोध्‍या के राजगुरू वश‍िष्‍ठ, दशरथ के मंत्री सुमंत्र को आदेश देते हैं क‍ि दूत भेज कर भरत और शत्रुघ्‍न को अयोध्‍या से वापस बुलवाया जाए। दूत रवाना होता है। भरत और शत्रुघ्‍न नन‍िहाल में हैं। वहीं भरत को अयोध्‍या में क‍िसी अनहोनी की आशंका सताती है। तभी उन्‍हें खबर म‍िलती है क‍ि अयोध्‍या से दूत आया है। वह घबरा जाते हैं। तुरंत दूत से म‍िलते हैं। 

    20:15 (IST)02 Apr 2020
    शोक में डूबी पूरी अयोध्या

    तब तक दशरथ के पार्थ‍िव शरीर को व‍िशेष तेल और औषध‍ि से भरी नौका में डुबा कर रखा जाता है, ताक‍ि शव को सुरक्ष‍ित रखा जा सके।दूत अयोध्‍या में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में कोई जानकारी द‍िए ब‍िना भरत को गुरू वश‍िष्‍ठ का आदेश सुनाते हैं क‍ि उन्‍हें शीघ्र बुलाया गया है। नाना और मामा से इजाजत लेकर भरत और शत्रुघ्‍न अयोध्‍या के ल‍िए रवाना होते हैं।

    20:12 (IST)02 Apr 2020
    भरत से बेहद नाराज प्रजा..

    अयोध्‍या में प्रवेश करते ही प्रजा भरत को ध‍िक्‍कार भरी नजरों से देखती है। इस बीच रानी कैकेयी की दासी मंथरा भरत को दशरथ के पास जाने से पहले कैकेयी के कक्ष में ही बुलवा लेती है। 

    20:01 (IST)02 Apr 2020
    2 अप्रैल, 2019, सुबह नौ बजे के एप‍िसोड की मुख्‍य बातें

    पुत्र व‍ियोग में दशरथ प्राण त्‍याग चुके हैं।अयोध्‍या के राजगुरू वश‍िष्‍ठ, दशरथ के मंत्री सुमंत्र को आदेश देते हैं क‍ि दूत भेज कर भरत और शत्रुघ्‍न को अयोध्‍या से वापस बुलवाया जाए। दूत रवाना होता है। भरत और शत्रुघ्‍न नन‍िहाल में हैं। वहीं भरत को अयोध्‍या में क‍िसी अनहोनी की आशंका सताती है। तभी उन्‍हें खबर म‍िलती है क‍ि अयोध्‍या से दूत आया है। वह घबरा जाते हैं। तुरंत दूत से म‍िलते हैं। 

    20:01 (IST)02 Apr 2020
    भरत को पता चली सारी 'राम कहानी'

    कैकेयी के कक्ष में वहां भरत को उनकी गैरहाज‍िरी में हुई राम-लक्ष्‍मण-सीता के वनवास और प‍िता के स्‍वर्गवास और इसके पीछे की कहानी पता चलता है। भरत कैकेयी से सारा र‍िश्‍ता तोड़ने का ऐलान कर वहां से कौशल्‍या के कक्ष में पहुंचते हैं। 

    20:00 (IST)02 Apr 2020
    कौशल्या जाना चाहती हैं वन

    कौशल्‍या भरत से राजा होने के नाते खुद को वन भेजने की आज्ञा मांगती हैं। भरत इनकार कर देते हैं और कहते हैं क‍ि वह श्रीराम को वन से वापस लाएंगे। 

    19:58 (IST)02 Apr 2020
    राजा दशरथ की अंत्‍येष्‍ट‍ि की तैयारी

    इस बीच गुरू वश‍िष्‍ठ राजा दशरथ की अंत्‍येष्‍ट‍ि की तैयारी करवाते हैं और भरत को अंत‍िम संस्‍कार के ल‍िए तैयार करवाते हैं। 

    19:57 (IST)02 Apr 2020
    2 अप्रैल, 2019, सुबह नौ बजे के एप‍िसोड की मुख्‍य बातें

    राजा दशरथ का अंति‍म संस्‍कार होता है और उनकी अस्‍थ‍ियां यमुना में प्रवाह‍ित की जाती हैं। इसके बाद गुरू वश‍िष्‍ठ भरत को शोक नहीं करने और अयोध्‍या का राजभार संभालने के ल‍िए कहते हैं। 

    19:45 (IST)02 Apr 2020
    बेस्ट शो बना Ramayan

    दूरदर्शन में प्रसारित हो रही रामानंद की रामायण ने एक बार फिर दर्शकों का प्यार हासिल कर लिया है। कहा जा रहा है कि अभी कोई भी शो रामायण की टक्कर में नहीं है। यहां तक कि साल 2015 से लेकर अब तक जनलर एंटरटेनमेंट कैटगरी (सीरियल्स) के मामले में यह बेस्ट शो बन चुका है।

    19:43 (IST)02 Apr 2020
    टूटने लगे सारे TRP रिकॉर्ड्स...


    रामानंद सागर की रामायण एक बार फिर दर्शकों के मन को इतनी भायी है कि शो जैसे ही ऑनएयर हुआ सारे TRP रिकॉर्ड्स टूटने लगे।

    19:33 (IST)02 Apr 2020
    जीव हत्या पाप है...

    इस खबर को सुन श्रवण कुमार की मां मर जाती हैं वहीं पिता भी मर जाते हैं लेकिन जाते जाते वह दशरथ को श्रॉप देकर जाते हैं कि वह भी अपनी संतान के वियोग में मरेंगे। राजा दशरथ के अंतिम दिनों में होता यही है। राम के जाने के बाद उनकी तबीयत खराब हो जाती है औऱ वह अधमरे हो जाते हैं। इसके बाद उन्हें याद आता है जीव हत्या पाप है।

    19:33 (IST)02 Apr 2020
    श्रीरामचंद्र के पिता से हुआ घोर अपराध....

    गलती से उनका बाण श्रवण को लग जाता है जहां श्रवण अपने प्राण त्याग देते हैं। श्रवण अंतिम इच्छा के तौर पर कहते हैं कि उनकी सेवा दशरथ पूरी करें औऱ वह उनके माता पिता को पानी पिला दें। जब राजकुमार श्रवण कुमार के माता पिता के पास पहुंचता है तो वह सच बताता है कि उसकी वजह से लाचार बूढ़े माता पिता ने अपना लाल खो दिया।

    19:32 (IST)02 Apr 2020
    माता पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गया था श्रवण कुमार, रास्ते में ही खो गया

    श्रवण कुमार अपने माता पिता को लेकर लंबी यात्रा पर निकले थे रास्ते में माता पिता को प्यास लगती है। तो श्रवण कुमार पानी लेने सरोवर चले जाते हैं। वहीं अयोध्या के राजकुमार यानी दशरथ जानवरों का शिकार करने निकले होते हैं।

    19:32 (IST)02 Apr 2020
    माता पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गया था श्रवण कुमार, रास्ते में ही खो गया

    श्रवण कुमार अपने माता पिता को लेकर लंबी यात्रा पर निकले थे रास्ते में माता पिता को प्यास लगती है। तो श्रवण कुमार पानी लेने सरोवर चले जाते हैं। वहीं अयोध्या के राजकुमार यानी दशरथ जानवरों का शिकार करने निकले होते हैं।