आने वाले 7 अक्टूबर को रिलीज होने जा रही फिल्म मिर्जिया की शूटिंग के लिए निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कितनी मेहनत की है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शूटिंग के लिए उन्होंने पाकिस्तान बॉर्डर से 17 किलोमीटर दूर की थूलिया की अनदेखी जगहों को भी चुना था। हालांकि फिल्म का ज्यादातर हिस्सा लद्दाख और राजस्थान में शूट हुआ है लेकिन निर्देशक ने इसमें नयापन लाने के लिए भरसक कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक थूलिया में शूटिंग के लिए राकेश को बीएसएफ और आईबी से विशेष परमिशन लेनी पड़ी थी। इतना ही नहीं उन्हें शूट के लिए रोज 90 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था। राजस्थान और लद्दाख में भी शूटिंग के लिए नई जगहें तलाशने के लिए उनकी टीम ने लंबे वक्त तक रिसर्च की।
लद्दाख की नौबारा घाटी से लेकर पहलगांव तक और राजस्थान के उदयपुर में शिव निवास पैलेस से लेकर फतेहगढ़ पैलेस तक राकेश ने हर जगह छान डाली। फिल्म की शूटिंग के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया- मिर्जा साहिबान की पौराणिक कहानियों से लेकर अपनी कल्पना तक को साकार करने के लिए हमने लद्दाख और दूरस्थ कोनों तक का दौरा किया, और पेंगॉन्ग सो से नेमोना तक। वहां मुझे ऐसी अनदेखी जगहें मिलीं। जो चीन के बॉर्डर पर थीं, इसमें सेना ने हमारी बहुत मदद की। उन्होंने बताया कि जब हम राजस्थान में फिल्म का क्लाइमेक्स शूट कर रहे थे, जो कि आज की कहानी है। हम जैसलमेर, फुलिया और बाड़मेर से काफी दूर रेगिस्तानी जगहों पर पहुंचे। यहां एक बार फिर लोकल टूरिज्म बोर्ड और सेना ने हमारी बहुत मदद की, क्योंकि यह सभी निषिद्ध क्षेत्र थे जहां साधारण व्यक्ति नहीं जा सकते।
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