बॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव (Rajpal Yadav) ने पर्दे पर अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुके हैं। वो आज इंडस्ट्री के सफल एक्टर्स में गिने जाते हैं। उन्हें भले ही सपोर्टिंग कैरेक्टर में देखा जाता है, मगर वो जिस भी किरदार को करते हैं उसे अपनी कॉमेडी से यादगार बना देते हैं लेकिन उन्होंने भी अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। ऐसे में हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एक्टर ने जेल में बिताए अपने 3 महीनों के बुरे दिनों को याद किया है और बताया कि कैसे उन्होंने कैदियों संग अपना तालमेल बिठाया था।

दरअसल, राजपाल यादव ने हाल ही में सिद्धार्थ कन्नन के साथ बातचीत की थी। इस दौरान एक्टर ने जेल में बिताए बुरे दिनों को याद किया और कहा कि उन्होंने जेल में 3 महीने बिताए थे। इस दौरान उन्होंने जेल में बंद लोगों के लिए एक्टिंग का वर्कशॉप चलाया था। इसके लिए उन्होंने परमिशन भी ली थी। एक्टर ने बताया कि ये सब वो लोग थे, जिनको ना ही कभी एक्टिंग से और ना ही संगीत से कोई मतलब था। कैदियों के लिए वर्कशॉप रखने के पीछे के उद्देश्य के बारे में राजपाल यादव ने बताया था कि वो इस वर्कशॉप को इसलिए रखना चाहते थे ताकि लोग कला से जुड़ सकें और कलात्मक हो जाएं।

राजपाल के काम से जेल सुपरिटेंडेंट भी हो गए थे इंप्रेस

राजपाल यादव ने आगे बताया था कि उनके काम से जेल के सुपरिटेंडेंट भी काफी इंप्रेस हो गए थे। एक्टर को खुद पर विश्वास था कि वो जिस दिन इस बुरे दौर से निकलेंगे तो 100 प्रतिशत से ज्यादा मजबूत बनकर आएंगे। जेल से निकलने के बाद उन्हें एक सर्टिफिकेट भी दिया गया था। जेल के सुपरिटेंडेंट ने उन्हें दो सर्टिफिकेट दिए थे। राजपाल ने ना केवल अपने काम से सभी का दिल जीता साथ ही उन्होंने अपने व्यवहार से भी सभी के दिल में जगह बनाई। जेल सुपरिटेंडेंट की उन्हें लेकर सोच थी कि उनकी हर दिन शिकायत आने वाली है क्योंकि उनका मानना था कि वो एक स्टार हैं तो सभी से ठीक से बात नहीं करेंगे लेकिन, राजपाल तो उनकी सोच से विपरीत निकले।

राजपाल ने अपने बुरे दौर को लेकर ये भी कहा कि उन्होंने अपने अपमान को पॉजिटिव ढंग से लिया और मुस्कुराते हुए बुरे दौर को पार कर लिया।

2010 में पैसे लिए थे उधार

वहीं, अगर राजपाल यादव के जेल जाने के मामले को लेकर बात की जाए तो उन्होंने 2010 में बतौर डायरेक्टर फिल्म ‘अता-पता लापता’ बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए लोन लिए थे। इस रकम को चुका नहीं पाने के कारण लोन देने वाला शख्स कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट में इस मामले को लेकर समझौता हुआ था कि वो 10 करोड़ 40 लाख रुपए लौटाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ था, जिसके बाद उन्हें जेल की सजा सुनाई गई थी।