एक तरफ जहां सारा शहर कबाली के टिकट्स के लिए जुगाड़ में लगा है। वहीं सभी थिएटर मालिक इस कॉम्पिटीशन में लगे हैं कि रजनीकांत के पुराने बस ड्राइवर दोस्त उनके थिएटर में आकर फिल्म देखें। पी.राज बहादुर बीएमटीसी के रिटायर्ड बस ड्राइवर हैं। रूट नंबर 10ए की बस में रजनीकांत राज बहादुर के साथ कंडक्टर थे। साल 1970 से तीन साल तक दोनों ने साथ काम किया था। पुरानी बातों को याद करते हुए राज बहादुर ने बताया, हम श्रीनगर से केंपेगौड़ा के 8 ट्रिप करते थे। हमारी शिफ्ट सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक होती थी। उन्होंने बताया, रजनी प्ले में बेहतरीन काम किया करते थे। मुझे मालूम था कि उनमें बेहतरीन टैलेंट है इसलिए मैंने उन्हें चेन्न्ई जाकर फिल्म एक्टिंग की पढ़ाई करने के को कहा।
पुराने दिनों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, उस वक्त रजनीकांत इतने अच्छे हालातों में नहीं थे। मैनें उन्हें दो साल का कोर्स करने में मदद की थी। रजनी को पहली बार के.बालाचंद्र ने नोटिस किया था और ‘अपूर्वा रगंगल’ फिल्म में मौका दिया। इसके बाद उनका करियर आगे बढ़ता गया और उन्हें कई सफलताएं मिलीं। बहादुर अब भी तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के गहरे दोस्त हैं और उनकी सफलता का क्रेडिट लेने से इंकार करते हैं। वो कहते हैं, उनके पास टैलेंट था जिससे आज वो इस मुकाम पर पुहंचे। मैं बहुत खुश हूं, ये सब बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा दोस्त इतना बड़ा सुपरस्टार बन जाएगा।
कबाली फिल्म के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, कई थिएटर मालिक चाहते हैं कि मैं लहीं जाकर कबाली देखूं। ऐसे में उन्हें लगेगा कि रजनीकांत खुद वहां बैठकर फिल्म देख रहे हैं। फिल्म के बाद वो चाहते हैं कि मैं रजनी को कॉल करूं और उन्हें फिल्म पर अपनी राय दूं। बहादुर ने बताया कि वो ये रुटीन हमेशा फॉलो करते हैं। जब भी रजनीकांत की फिल्म रिलीज होती है। रजनी बहादुर के कॉल का इंतजार करते हैं और फिल्म पर उनका क्रिटिकल ऐनालिसिस लेते हैं।
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रजनीकांत का स्टारडम उनमें कोई बदलाव लेकर आया? इस बारे में बहादुर बताते हैं कि रजनीकांत में रत्तीभर भी बलाव नहीं आया है। हम अब भी एक दूसरे को ‘दा’ कहकर पुकारते हैं। वो जब भी बेंगलुरु आते हैं तो मुझे एयरपोर्ट बुलाते हैं। मेरे घर भी आते हैं। रजनी ने कई बार मुझे बस ड्राइवर की जॉब छोड़ उनके साथ रहने को कहा। कई बार कुछ तरीकों से मदद करने की भी कोशिश की। लेकिन मैंने उनके ऑफर को प्यार से ना कर दिया, क्योंकि इससे हमारी बरसों की दोस्ती पर असर पड़ सकता था।