बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजेश खन्ना ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई है। राजेश खन्ना को हिंदी सिनेमा का ‘पहला सुपरस्टार’ भी कहा जाता था। एक्टर ने फिल्मी दुनिया में ‘आखिरी खत’ से कदम रखा था, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता फिल्म ‘अराधना’ के जरिए मिली थी। राजेश खन्ना ने यूं तो कई हिट फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनकी फिल्म ‘आन मिलो सजना’ और ‘कटी पतंग’ की शूटिंग बार-बार कैंसल ही कर दी जाती थी।
राजेश खन्ना से जुड़ी इस बात का खुलासा इन फिल्मों में उनकी को-स्टार रहीं आशा पारेख ने किया था। बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था, “जब हम ‘आन मिलो सजना’ और फिल्म ‘कटी पतंग’की शूटिंग कर रहे थे, तो सेट पर अकसर 100 या इससे ज्यादा लड़कियों का झुंड पहुंच जाता था। ऐसे में हमें शूटिंग तक कैंसल करनी पड़ती थी।”
राजेश खन्ना के बारे में बात करते हुए आशा पारेख ने आगे कहा, “मैंने राजेश खन्ना के साथ सबसे पहले उनकी दूसरी फिल्म ‘बहारों के सपने’ में काम किया था। उस वक्त वह बहुत ही शर्मीले और एक ऐसे एक्टर थे, जिन्हें शायद ही कोई जानता था। लेकिन दो सालों में ही चीजें बिल्कुल बदल गई थीं। उसके बाद हमने जब काम किया तो वह सुपरस्टार बन चुके थे।”
आशा पारेख ने राजेश खन्ना के स्टारडम की तुलना एक्टर देव आनंद से कीं। उन्होंने इस बारे में आगे कहा, “राजेश खन्ना की तुलना में अगर किसी का स्टारडम था तो वह देव आनंद का था। फैंस देव साब के दीवाने थे। जब हमने फिल्म ‘महल’ की शूटिंग की तो हमें इसे कई बार कैंसल करना पड़ा था, क्योंकि वहां आने वाली भीड़ अनियंत्रित होती थी। लोग उन्हें छूना चाहते थे, किस करना चाहते थे, जैसे कि वे राजेश खन्ना के साथ करना चाहते थे।”
राजेश खन्ना से जुड़ा एक और किस्सा साझा करते हुए आशा पारेख ने कहा, “मुझे याद है कि सॉन्ग ‘अच्छा तो हम चलते हैं’ की शूटिंग के दौरान हमने खूब मस्ती की थी। दरअसल, हमें सूर्यास्त के लिए जल्द से जल्द शूटिंग करनी थी। लेकिन इस जल्दबाजी के चक्कर में मैं और राजेश खन्ना अपनी लीरिक्स को लेकर कन्फ्यूज हो गए और एक-दूसरे की लाइन गुनगुनाने लगे। इसके बाद हम इस चीज को याद कर बहुत हंसे थे।”