राजेश खन्ना का प्रतिष्ठित बंगला, जिसे आशीर्वाद के नाम से जाना जाता था, मुंबई के बांद्रा में स्थित है। ये बंगला उनके जीवन और करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, समुद्र किनारे बना उनका ये आशियाना 1970 के दशक में खन्ना के स्टारडम के चरम का गवाह बना। 2012 में उनकी मृत्यु के बाद, इसे उनकी बेटियों ट्विंकल और रिंकी ने शशि किरण शेट्टी को ये 90 करोड़ रुपये में बेच दिया। अब इसकी कीमत करीब 225 करोड़ है। मगर आपको बता दें कि ये बंगला सिर्फ इसलिए मशहूर नहीं था क्योंकि इसमें काका ने अपने जीवन के कई साल बिताए, बल्कि इसे भूतिया बंगला भी कहा जाता था।

मुंबई के कार्टर रोड पर स्थित आशीर्वाद बंगला पहले एक एंग्लो-इंडियन परिवार का हुआ करता था। 1950 के दशक की शुरुआत में हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार भारत भूषण इस बंगले को खरीद लिया। ‘बैजू बावरा’ और ‘मिर्जा गालिब’ जैसी हिट फिल्मों में अभिनय के लिए लोकप्रिय भारत भूषण की दिलीप कुमार और राज कपूर से बराबर की टक्कर थी। हालांकि, इस बंगले में रहने के कुछ साल बाद ही उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने लगीं। भारत भूषण को आर्थिक रूप से इतना संघर्ष करना पड़ा कि उन्हें कर्ज चुकाने के लिए बंगला बेचना पड़ा। भारत भूषण पहले अभिनेता थे जिनके लिए ये बंगला दुर्भाग्य लेकर आए।

भारत भूषण के बाद सिल्वर स्क्रीन के जुबली कुमार राजेंद्र कुमार ने 60 के दशक में इस घर को 60,000 रुपये में खरीदा था। अपने से पहले के स्टार की तरह, दशक के अंत तक राजेंद्र कुमार के करियर पर भी इसका बुरा असर पड़ा। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गईं। राजेंद्र कुमार के पास बंगला बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इस बार इसे किसी और ने नहीं बल्कि उस व्यक्ति ने खरीदा जिसे अक्सर भारत का पहला सुपरस्टार राजेश खन्ना कहा जाता है।

राजेश खन्ना ने 70 के दशक की शुरुआत में 3.5 लाख रुपये में ये बंगला खरीदा था और इसका नाम आशीर्वाद रखा था। जब राजेश खन्ना इस घर में रहने आए, तब उनका करियर अपने चरम पर था और उन्होंने लगातार 17 सोलो हिट फिल्में दी थीं। मगर ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया और जल्द ही त्रासदी आ गई।

राजेश खन्ना का करियर और पर्सनल लाइफ दोनों ही बर्बाद हो गए। हालांकि उन्होंने ये बंगला नहीं छोड़ा और वो 2011 में अपने आखिरी दिनों तक आशीर्वाद में ही रहे। कई लोगों का मानना ​​था कि ये बंगला ‘शापित’ था क्योंकि इसमें रहने वाले तीन सुपरस्टार्स ने स्टारडम हासिल किया और फिर जल्दी ही लोकप्रियता खो दी।