इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने एक ट्वीट किया है जिसपर यूजर्स उन्हें जमकर रिप्लाई कर रहे हैं। रजत शर्मा ने ट्वीटर पर लिखा कि मुस्कुराने वालों का साथ पूरी दुनिया देती है वहीं आंसूओं को तो रोने वाले की आंखो में भी जगह नहीं मिलती।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘खुश रहोगे, मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया साथ देगी, आंसुओं को तो अपनी आंख में भी जगह नहीं मिलती।’ उनके इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं।  इंडिया इनसाइडर नाम के एक यूज़र लिखते हैं, ‘खुशी के भी तो आंसु होते हैं न? और सुनिए, दुनिया की परवाह की तो.. हो गया काम।’ आलोक शर्मा नाम के यूज़र ने रजत शर्मा से पूछा, ‘और अगर आंसु खुशी के हुए तो?’ राजेंद्र पटेल नाम के यूज़र ने लिखा, ‘अगर खुश रहेंगे और ज़्यादा मुस्कुराते रहेंगे तो फिर इनकम टैक्स वाले सोचेंगे कि कुछ तो गड़बड़ है, फिर आंसुओं की गंगा बहेगी।’

कई यूजर्स उनके इस पॉजिटिव ट्वीट के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं तो कुछ लोग उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ‘गोदी मीडिया’ वाली पत्रकारिता करना वो छोड़ दें नहीं तो उनकी हालत भी आंसुओं जैसी ही होगी। हैप्पी धालीवाल नामक यूज़र ने लिखा, ‘गोदी मीडिया छोड़ दो नहीं तो आंसुओं वाली कंडीशन आपकी भी होगी।’

 

अकरम नाम के एक यूज़र लिखते हैं, ‘खुश रहने की वजह भी तो होनी चाहिए, बिना पैसे की कैसी खुशी? नौजवानों को रोजगार चाहिए, किसानों को उनका अधिकार चाहिए, महिलाओं को सम्मान चाहिए, महंगाई कम होनी चाहिए, तभी तो खुश रहेगी भारत की जनता।’

कुछ लोग नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर भी रजत शर्मा पर निशाना साध रहे हैं। खुशदीप मान ने लिखा, ‘किसान खुश भी हैं और मुस्कुराकर अपना प्रोटेस्ट भी कर रहे हैं, फिर भी कुछ लोगों को उनमें भी कांग्रेसी और खालिस्तानी नज़र आ रहे हैं।’ दीपक राय लिखते हैं, ‘देश की जनता देख रही है कि आजकल पत्रकार महंगाई, पेट्रोल, बेरोजगारी, गड्ढे में गई अर्थव्यवस्था, डॉलर के मुकाबले रुपए की बुरी स्थिति पर बोलने के बजाय मोदी जी के डर से जनता को शेरो शायरी ट्वीट कर रहे हैं।’