देश में किसान आंदोलन की गति तेज होती जा रही है, किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं। वहीं सीनियर जर्नलिस्ट रजत शर्मा का किसान नेताओं पर एक पोस्ट सामने आया। जिसमें वह कुछ सवाल करते दिखे। इन सवालों के रजत शर्मा को सोशल मीडिया पर जवाब भी मिले। रजत शर्मा ने ट्वीट कर लिखा-‘पंजाब के वो कौन किसान नेता हैं जिन्होंने इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ की थी? कौन हैं वो किसान नेता जिनका नक्सलियों के प्रति झुकाव है? आज किसानों ने टुकड़े-टुकड़े गैंग के नेताओं के पोस्टर क्यों फेंक दिए?’ रजत शर्मा के इस पोस्ट के बाद कमेंट सेक्शन पर जवाबों की बाढ़ सी आ गई।
एक यूजर ने लिखा- ‘महात्मा गांधीजी की हत्या और इंदिरा जी की भी शहादत के कारण और कारकों पर जब आप वाकई गंभीर गहरा ईमानदार और स्वस्थ तथा निष्पक्ष चिंतन करेंगे तो- इन सभी सामयिक यक्ष प्रश्नों का कुहासा छंट जाऐगा। जो नियमित रूप से आपकी दिमागी वादियों में आकर रोज़ लटक जाता है-सहाफ़त के रस्मों रिवाज़ निभाने में?’
एक ने कहा- ‘सर शर्म सस्ती बिकी होगी आपकी औऱ जमीर हलके में। तभी ये डिवाइड एंड रूल वालों की गेम खेल रहे हैं आप। बाकी रही बात देश के किसान प्रोटेस्ट की तो अगर एक इंडियन देश की गवर्नमेंट से कई मांग कर रहा है तो क्या बुरा’। विजय नाम के शख्स ने लिखा- असमाजिक तत्वों से देश को सावधान करने की आवश्यकता है। यह किसान आंदोलन की आड़ में देश विरोधी आंदोलन है। हम सभी हिन्दुस्तानियों को जागरूक होना आवश्यक है। किसान हमारा अन्नदाता है। नकली अन्नदाता दोगलापन , उसका ख़ुदा और ईमान है। यह सब बेइमान हैं। किसान भाईयों इनसे सावधान, मां भारती के लिए।’
पंजाब के वो कौन किसान नेता हैं जिन्होने इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ की थी?
कौन हैं वो किसान नेता जिनका नक्सलियों के प्रति झुकाव है?
आज किसानों ने टुकड़े-टुकड़े गैेंग के नेताओं के पोस्टर क्यों फेंक दिए? #AajKiBaat आज रात 9 बजे इंडिया टीवी पर.— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) December 11, 2020
तो कोई बोला- ‘सारे देश द्रोही इकट्ठा हो गए हैं। उधर, जो शाहीन बाग में थे, आज किसान बन गए। सारी की सारी सरकार की गलती है। शाहीन बाग कांड से अगर सीखा होता सरकार ने तो ये नौबत नहीं आती, भुगतो अब।’