जीनत अमान ने अपने करियर की शुरुआत देव आनंद की फिल्म से साल 1970 में की थी। फिल्म ‘द इविल विदइन’ (The Evil Within) में जीनत अमान का परफॉर्मेंस दर्शकों ने खूब सराहा। इसके बाद देव आनंद के साथ ही उनकी एक और फिल्म आई जिसमें वह उनकी बहन के किरदार में नजर आईं। साल 1971 में फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ आई थी। इस फिल्म के बाद से जीनत को मेन स्ट्रीम एक्ट्रेस माना जाने लगा।

वह सिर्फ 20 साल की थीं जब इंडस्ट्री में आईं। वहीं देव आनंद उस वक्त 48 साल के थे। दोनों की उम्र में काफी फासला था फिर भी देव आनंद को जीनत अमान से प्यार हो गया था। जी हां, अपनी ऑटोबायोग्राफी रोमांसिंग विद लाइफ (2007) में देव आनंद ने बताया था कि वह जीनत अमान के लिए क्या महसूस करते थे। इतना ही नहीं देव आनंद ने बताया था कि उन्होंने प्लान भी बना लिया था कि वह जीनत अमान को अब प्रपोज कर देंगे।

वह अपने प्यार का इजहार जीनत अमान से करने ही वाले थे कि तभी देव आनंद की लव स्टोरी में राज कपूर की एंट्री हो गई। अपनी किताब में जीनत का जिक्र करते हुए देव आनंद ने लिखा था-  ‘जब-जब उनकी चर्चा होती थी तो मैं बहुत खुश हो जाता था। और जब जब मेरी चर्चा होती थी तो वो बहुत खुश हो जाती थीं। हम लोग इमोशनली एक दूसरे के काफी करीब आ गए थे। एक दिन मुझे अहसास हुआ कि मैं जीनत से बहुत प्यार करता हूं। मैं जीनत को ये कह देना चाहता हूं।’

अपनी किताब में उन्होंने बताया- ‘इस खास बात को जीनत को बताने के लिए मैंने सोचा कि खास अरेंजमेंट किया जाना चाहिए। मैंने रोमांटिक प्लेस ढूंढना शुरू किया। मेरी तलाश ताज के Rendezvous में जाकर खत्म हुई। उस जगह हम पहले भी साथ जा चुके थे।’

देव आनंद ने बताया- ‘उस दिन पहले एक पार्टी थी, इसके बाद मैंने जीनत के साथ ये मीटिंग फिक्स की थी। पर पार्टी में मैंने क्या देखा-राज कपूर शराब पिए हुए थे और वह जीनत से मिले। जीनत से उनका मिलना मुझे थोड़ा अजीब लगा। उन्होंने जीनत को अपनी बाहों में लिया। मुझे ये थोड़ा ज्यादा लगा।’

फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के दौरान ऐसी खबरें सामने आई थीं कि जीनत और राज कपूर की नजदीकियां बढ़ गई हैं। ऐसे में देव आनंद को भी लगने लगा था कि दोनों की बीच कुछ है! इस पर देव आनंद ने लिखा- ‘अफवाह अब सच होने लगी थी। मेरे दिल से अब खून बह रहा था। नशे में मस्ती में राज ने ज़ीनत से कहा: ‘तुम अपना वादा तोड़ रही हो कि तुम हमेशा सफेद साड़ी में मेरे साथ होंगी।’

राज कपूर के इस तरह के कथित बयान ने देव आनंद का दिल पूरी तरह से तोड़ दिया था। अपने टूटे हुए दिल और अनकही भावनाओं के साथ, उन्होंने लिखा, ‘उसके चेहरे पर शर्मिंदगी थी, और ज़ीनत अब मेरे लिए पहले वाली ज़ीनत नहीं रही थीं। मेरे दिल के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे… मेरे दिमाग से सब कुछ निकल गया था। फिर मैं उस जगह से चुपके से निकल गया।’