TV Adda: लोकप्रिय रियलिटी टीवी शो रोडीज के पूर्व जज रघु राम ने शो में अपने अनुभवों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने बताया कि उनका सख्त रवैया क्यों होता था और क्यों उन्होंने शो छोड़ दिया। रोडीज में रघु को पहचान कंटेस्टेंट्स के साथ उनके टक्कर और गाली देने की वजह से थी। हालांकि रघु राम का कहना है कि उन्होंने ऐसा क्रूर होने के लिए नहीं बल्कि कंटेस्टेंट्स का असली व्यक्तित्व सामने लाने के लिए करते थे।

रघु राम ने बताया, “मैं आपसे वैसे ही मिलूँगा जैसे आप मुझसे मिलते हैं। अगर आप हमसे प्यार से मिलते हैं, तो हम उसके साथ प्यार से पेश आते हैं। एक प्रतियोगी राजू बाबू चौधरी था, उसका वड़ा पाव का स्टॉल था। यह रोडीज 9 में आया था, यह खूबसूरत था। उसने मुझसे कहा, ‘सर प्लीज एक बार मुस्कुराइए। मैं एक गरीब परिवार से आता हूं, अगर आप मुझे डांटेंगे तो मैं डर जाऊंगा,’ इसलिए हमने उसे गले लगा लिया।”

रघु ने यह भी माना कि कई बार उन्होंने जानबूझकर चयन प्रक्रिया को तेज कर दिया खासकर अगर उन्हें कोई खास प्रतियोगी पसंद आया हो। रघु ने बताया कि कई बार ऐसा भी हुआ कि अगर मुझे कोई पसंद आया, तो मैं इसे फास्ट बना देता था क्योंकि देखने वाला हर व्यक्ति एक जज भी होता है, यह उनका अधिकार है कि इस व्यक्ति को चुना जाना चाहिए या नहीं… अगर मुझे कोई पसंद आया, राजीव लक्ष्मण को यह पता था, रणविजय सिंहा को भी यह पता था, तो ऐसा लगता था कि चलो। हमारे पास कोड थे, हम इसे लिखते थे, ‘मुझे पसंद है, इसे ले लो’… यह हमारी ज़रूरत है, किसी व्यक्ति को कास्ट करने के लिए हमें यह देखना होगा कि वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। या तो वे रोएँगे या लड़ेंगे या कुछ ऐसा करेंगे जिससे दर्शकों को लगे कि वे उस व्यक्ति को देखना चाहते हैं।”

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रघु का रोडीज से जाना शो के निर्माताओं के बढ़ते हस्तक्षेप का नतीजा था, जो चाहते थे कि मैं कंटेस्टेंट्स पर चिल्लाऊं और भी ड्रामा क्रिएट करूं। रघु ने कहा, ”उन दिनों मैं ऐसे बिहैव करता था जिससे लोगों को समस्या हो सकती है। लेकिन मैं काम कर रहा था, ये सही या या गलत है मुझे नहीं पता। ये वैसा ही है जैसे पूनम पांडे को इंफ्लुएंस करना… मुझे नहीं पता। आप मुझसे नफरत करते हैं जो मैंने किया तो मैं इसके लिए माफी नहीं मांगूगा।”

रघु ने कहा, “जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, आपको दबाव महसूस होता है। मैंने इसे महसूस किया, इसलिए मैंने रोडीज छोड़ दिया। राजीव और मैं चले गए क्योंकि बहुत ज़्यादा हस्तक्षेप था। हमें लोगों पर चिल्लाने के लिए कहा गया था। या तो ऐसा ही है या आपको उनके इशारे पर नाचना होगा। यह एक अच्छी समस्या है, क्योंकि आप सफल हैं लेकिन अब आप आप नहीं रह गए हैं। आप उनके हैं।”

रोडीज़ की मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए, रघु का मानना ​​है कि यह शो प्रतियोगियों के वास्तविक व्यक्तित्व को दिखाने के बजाय एक निश्चित छवि बनाने पर केंद्रित हो गया है। इस पर उन्होंने कहा, “अगर आप अब रोडीज़ को देखें, तो यह वही है जो वे बनाना चाहते थे। यह वह नहीं है जो मैं बनाना चाहता था।”

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रोडीज़ में रघु की अपनी यात्रा बेहद निजी थी, और वह स्वीकार करते हैं कि उनका ऑन-स्क्रीन व्यक्तित्व समाज के प्रति उनके अपने गुस्से और हताशा की अभिव्यक्ति थी। रघु राम ने बताया कि वो बुरे दौर से गुजर रहे थे और रोडीज मेरे सामने आया और मैं इससे जुड़ गया। मैं ईमानदार था… मैं इसलिए सामने नहीं आया कि मुझे लगा ये काम करेगा। कोई केस स्टडी नहीं थी जो बताए कि यह काम करेगा। शायद आप इससे अभी जुड़ नहीं पा रहे हैं क्योंकि अब ये शो ईमानदार नहीं है।

रघु ने शो की मौजूदा स्थिति पर अपनी निराशा व्यक्त की, उनका मानना ​​है कि इसकी प्रामाणिकता खो गई है। रघु ने कहा, “मैं रोडीज़ को बेईमान नहीं कहना चाहता, मुझे लगता है कि वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और वे वही कर रहे हैं जो वे करना चाहते हैं, यह ठीक है। मैं बस यही चाहता हूं कि उन्हें अपना व्यक्तित्व मिल जाए क्योंकि मुझे लगता है कि यह उन चीजों को करने की कोशिश करने से कहीं ज़्यादा दिलचस्प है जो आपको लगता है कि काम करती हैं।”

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