बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजकुमार ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। अपनी एक्टिंग और अंदाज को लेकर वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। एक्टिंग के साथ-साथ राजकुमार अपने स्टाइल के लिए भी खूब जाने जाते थे। वह अपने कपड़ों और लुक्स पर वैसा ही ध्यान दिया करते थे, जैसे कि वह अपनी एक्टिंग एबिलिटी पर देते थे। हैरान करने वाली बात तो यह है कि राजकुमार ने अपने टेलर को कटिंग सीखने के लिए लंदन तक भेज दिया था।
राजकुमार से जुड़ी इस बात का खुलासा खुद उनके बेटे पुरु राजकुमार ने मैंस वर्ल्ड इंडिया मैगजीन को दिये इंटरव्यू में किया। इतना ही नहीं, राजकुमार की कार के स्पेयर पार्ट्स को लाने के लिए कुछ लोगों को जर्मनी तक जाना पड़ा था। इसके साथ ही राजकुमार के बेटे ने इंटरव्यू में बताया कि खुद एक्टर भी कपड़ों की कटिंग बखूबी जानते थे।
रेडीमेड कपड़े नहीं थे पसंद: पुरु राजकुमार ने अपने पिता राजकुमार के स्टाइल के बारे में बात करते हुए कहा, “उनके पास सूट का कलेक्शन काफी अच्छा था। उनके लिए यह मायने नहीं रखता था कि कपड़े डिजाइनर ने बनाए हैं, या वे किसी ब्रांड से संबंधित हैं। रेडीमेड कपड़े भी उन्हें कभी पसंद नहीं आए, अगर वह कभी रेडिमेड कपड़ों को पसंद कर भी लेते थे तो वह उसमें अपने हिसाब से बदलाव कराया करते थे।” शूटिंग के दौरान राजकुमार लेते थे तीन से चार घंटे का ब्रेक, जानें क्यों-
दर्जी को भेज दिया था लंदन: अपने पिता राजकुमार के बारे में बात करते हुए पुरु राजकुमार ने आगे कहा, “उन्हें इस बात की अच्छे से जानकारी थी कि कपड़ों को कैसे काटा जाता है। उन्होंने अपने टेलर को सूट की कटिंग सीखने के लिए लंदन तक भेज दिया था, क्योंकि कई लोग कटिंग करते वक्त गलतियां कर बैठते हैं। उनका मानना था कि कटिंग काफी मुश्किल और कपड़े की बनावट के लिए बहुत ही जरूरी होता है।”
क्रिएटिविटी की थी एक्टर को खास समझ: पुरु राजकुमार ने पिता राजकुमार की पसंद के बारे में बताया कि कई बार वह अपने सूट के लिए अजीबों-गरीब फैब्रिक भी चुन लिया करते थे। उनके चुने हुए कुछ फैब्रिक तो ऐसे लगते थे, मानों वह पर्दे हों। लेकिन मेरे पिता का कहना था, “अगर आप क्रिएटिव इंसान हो तो यह उन सभी चीजों में झलकता है, जो भी आप करते हो।” फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती को देख राजकुमार ने रुकवा दी थी शूटिंग
जर्मनी से मंगवाते थे कार के स्पेयर पार्ट्स: अपने पिता राजकुमार की पसंद के बारे में बातें करते हुए पुरु राजकुमार ने आगे कहा, “कार में भी उनकी काफी दिलचस्पी थी और वह अपनी कारों को लेकर भी काफी पैशनेट थे। वह बॉम्बे में अकेले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके पास उस वक्त वोल्वो कार थी। वह अपनी कार के स्पेयर पार्ट्स खरीदने के लिए लोगों को जर्मनी तक भेज दिया करते थे। कुछ लोगों के लिए यह भले ही पैसे की बर्बादी हो। लेकिन उनके लिए यह उनकी कार के प्रति एक जुनून था।”