7 दिसंबर 1993 हर तरफ खबर फैल गई, बॉलीवुड स्टार का बेटा कार एक्सीडेंट में गिरफ्तार हो गया है। आरोप लगा हीरो के बेटे ने फुटपाथ पर सो रहे 8 लोगों को कुचल दिया जिसमें से 3 की मौत हो गई। यह बॉलीवुड से जुड़ा पहला हाई-प्रोफाइल हिट एंड रन केस था। वो नामी अभिनेता कोई और नहीं बल्कि राज कुमार थे, जिनके बेटे पुरू राजकुमार को पुलिस ने हिट एंड रन केस में अरेस्ट किया था। उस वक्त पुरू राजकुमार की उम्र 23 साल थी। बताया जाता है कि राजकुमार ने अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके पुरू को बचा लिया था।

कैसे और कब हुआ था हादसा?

7 दिसंबर की रात तकरीबन 3:30 बजे बांद्रा वेस्ट के एसवी रोड पर ये भयानक एक्सीडेंट हुआ था। मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, पुरू तेज स्पीड में अपनी कार चला रहे थे और गाड़ी अपना बैलेंस खो बैठी और फुटपाथ पर चढ़ गई। फुटपाथ पर मजदूर सो रहे थे अचानक हुए हादसे ने उन मजदूरों की जिंदगी बर्बाद कर दी। 8 लोगों के ऊपर कार चढ़ी थी जिसमें से 2 के सिर पर गंभीर चोट आई और मौका-ए-वारदात पर ही उनके सिर फट गए, तीसरे शख्स की अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई थी। वहीं एक शख्स का हाथ कुचल गया था और वो हाथ काटना पड़ गया था।

पुरू पर दर्ज हुआ हिट एंड रन का मामला

पुलिस ने पुरू को अरेस्ट कर लिया, उन पर ड्रिंक एंड ड्राइव के साथ हिट-एंड-रन का मामला दर्ज हुआ। जांच और कानूनी प्रक्रिया में कई खामियां सामने आईं। पुलिस ने शुरुआत में ये जानकारी नहीं दी थी कि पुरू ने ड्रिंक की थी या नहीं, उनके ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट भी सामने नहीं आई। उस वक्त कई लोगों ने दबी जुबान में कहा कि अदालत के बाहर ही राज कुमार ने घायल और मृतकों के परिजनों को मोटी रकम चुकाकर मामला सेटल कर लिया था। जबकि ये मामला काफी बड़ा था। जब सलमान खान पर हिट-एंड-रन का मामला चला तब लोग इसकी तुलना पुरू के केस से कर रहे थे। हालांकि पुरू राजकुमार को पहले ही बचा लिया गया जबकि सलमान खान को कई बार कोर्ट-कचहरी और मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ा।

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1996 में ये मामला कोर्ट तक पहुंचा तब पुरू के वकील वीपी वाशी ने इसे “ट्रैफिक अपराध” बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसके तहत पुराने मामलों को बंद करने का प्रावधान था। मजिस्ट्रेट वीके होलमबे पाटिल ने दो पुराने हाई कोर्ट फैसलों का इस्तेमाल करते हुए पुरू को जेल की सजा से बचा लिया। इन फैसलों में कहा गया था कि दोषी को जेल भेजने से अच्छा है कि मुआवजा दिलवाया जाए। इसका नतीजा ये हुआ कि पुरू को सिर्फ मुआवजा देना पड़ा, जो करीब 1 लाख रुपये बताया जाता है।

इस मामले ने उस वक्त मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं। पुरू को बॉलीवुड का भी सपोर्ट मिला था। बाद में एक इंटरव्यू में पुरू के पिता राजकुमार ने पीड़ितों को लेकर कई असंवेदनशील कमेंट्स किए थे। जबकि पुरू के वकील ने बाद में एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में ये माना था कि 30,000 रुपये का मुआवजा बहुत कम था और यह फैसला पीड़ितों के साथ अन्याय था।

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नहीं चला पुरू का फिल्मी करियर

इस घटना के बाद पुरू का फिल्मी करियर भी नहीं चला। साल 1996 में “बाल ब्रह्मचारी” से डेब्यू किया, जो फ्लॉप रही। इसके बाद पुरू कुछ फिल्मों में असिस्टेंट रहें वहीं कुछ ल्मों में उन्होंने निगेटिव रोल भी प्ले किया। पुरू ने बैक टू बैक 10 फ्लॉप फिल्में दीं। पुरू की आखिरी रिलीज फिल्म “एक्शन जैक्सन” थी जो साल 2014 में रिलीज हुई थी।

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