सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर चिन्हित किए नए प्रधानमंत्री आवास का काम 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में डेडलाइन तय कर दी है। लॉकडाउन में भी इस प्रोजेक्ट का काम न रुके इसके लिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को आवश्यक सेवाओं के तहत रखा गया है। ऐसे वक्त में जब देश कोविड महामारी के कारण अस्पतालों, ऑक्सीजन, दवाइयों और जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं का भारी संकट झेल रहा है, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है।

इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सरकार की आलोचना भी कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी इस पर चुटकी ली है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘दवाइयों की कालाबाजारी..अप्रैल में चरम पर बेरोजगारी..विदेशी मदद एयरपोर्ट पर अटकी..पर राजा जी का नया घर बन रहा है।’

उनके इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। रेनू धवन नाम से एक यूजर लिखती हैं, ‘सरकारें तो गिरती हुई देखीं हैं लेकिन इतनी गिरी हुई सरकार पहली बार देखी है।’

 

 

ख्वाजा नाम से एक यूजर ने लिखा, ‘ये नया भारत है जहां वैक्सीन तो नहीं है लेकिन टीका उत्सव मनाया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए इंतजाम नहीं लेकिन नया भवन बनवाया जा रहा है। चले थे आत्मनिर्भर बनने लेकिन यहां तो हर चीज बाहर से मंगवाया जा रहा है।’

 

संतोष कुमार नाम से एक यूजर ने पत्रकार को जवाब दिया, ‘भारत में लाशों के ढेर पर बैठकर खाना खाया जाता है। अपनों को श्मशान में जलाने के लिए भी टैक्स देना पड़ता है।’

 

आपको बता दें कि इस महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को बनाने में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन और नए केंद्रीय सचिवालय के साथ राजपथ का पूरा इलाका फिर से बनाया जा रहा है। कोविड इमरजेंसी के बीच चल रहे निर्माण कार्य पर कई विपक्षी दलों ने भी कड़ी आपत्ति जताई है बावजूद इसके प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है।