कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को देशभर में इमरजेंसी का ऐलान किया था। इसकी आलोचना अब तक होती है और विपक्षी पार्टियां इस बात को लेकर अक्सर कांग्रेस को निशाने पर लेतीं हैं। हालांकि अब सत्ताधारी बीजेपी पर भी यह आरोप लगते हैं कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का काम करती है। वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी भी बीजेपी सरकार की अक्सर आलोचना करते हैं। अब उन्होंने सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा है कि देश में साल 2014 से लोकतंत्र लहलहा उठा है।
पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट किया है, ‘सनद रहे… 25 जून 1975 देश में इमरजेंसी लगी… 26 मई 2014 देश में लोकतंत्र लहलहा उठा…।’ पत्रकार के इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स की भी ढेरों प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बिनोद कुमार नाम के यूजर ने लिखा, ‘बाजपेयी जी, दोनों दौर को देखने वाले लोग तो यही कहते हैं कि वो दौर आज के दौर से बहुत बेहतर था। तब इतनी मंहगाई और असहिष्णुता नहीं थी। राजनैतिक बंदिश भले ही था लेकिन आम लोग सुरक्षित और खुशहाल थे।’
वहीं दिनेश चावला नाम के एक यूजर ने बाजपेयी से अपनी असहमति जताते हुए लिखा, ‘1947 में देश अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ और नेहरू/गांधी परिवार का गुलाम बन गया। जितना अंग्रेजों ने लूटा, उससे कहीं ज्यादा इस परिवार ने लूटा। रहा सवाल 2014 का तो निश्चित तौर पर देश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई एक सरकार आई जिसने राजनीतिक दलालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।’
सनद रहे…..
25 जून 1975 देश में इमरजेन्सी लगी…
26 मई 2014 देश में लोकतंत्र लहलहा उठा…— punya prasun bajpai (@ppbajpai) June 25, 2021
दिनेश नाम के यूजर लिखते हैं, ‘आपातकाल आपातकाल ही होता है चाहे वो घोषित हो या अघोषित हो। दोनो मे कोई फर्क नही होता।’ सीता राम ने बाजपेयी को जवाब दिया, ‘घोषित आपातकाल तो ढ़ाई तीन साल में खत्म हो गया था लेकिन अघोषित आपातकाल न जाने कब खत्म होगा?’
आपको बता दें कि पुण्य प्रसून बाजपेयी मोदी सरकार की नीतियों की खूब आलोचना करते हैं। मोदी सरकार के सत्ता में 7 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा रहा कि 7 साल में मोदी सरकार ने 70 साल की मेहनत बर्बाद कर दी। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी उन्होंने पीएम मोदी पर तंज़ किया था।
दरअसल पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जमकर चुनाव प्रचार किया था। कुछ लोगों ने उनकी खूब आलोचना की थी कि वो कोरोना से जूझते देश को छोड़कर बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी बात को लेकर बाजपेयी ने तंज कसते हुए कहा था कि बंगाल के बाद अब वो कुछ महीनों के लिए यूपी के पीएम बनेंगे।