पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद देशवासी सड़कों पर उतरकर आतंकी संगठनों और पाकिस्तान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से भी पुलवामा हमले को लेकर उनकी प्रतिक्रिया मांगी जा रही है। हाल ही में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी कड़े शब्दों में पाकिस्तान को निर्णायक जवाब देने की बात कही। कंगना ने अपने बयान में कहा कि “पाकिस्तान ने ना सिर्फ हमारे देश की सुरक्षा को चोट पहुंचायी है, बल्कि उन्होंने हमारे आत्म सम्मान पर भी हमला किया है और हमें खुले तौर पर धमकी दी है और बेइज्जत किया है। ऐसे में हमें निर्णायक प्रतिक्रिया देने की जरुरत है, वरना हमारी खामोशी को कायरता समझा जाएगा…..भारत आज चोटिल हुआ है। हमारे बहादुर जवानों की शहादत हमारे पेट में खंजर घोंपने जैसी है। अब अगर कोई भी अहिंसा और शांति के बारे में भाषण देता है तो उस पर कालिख पोतकर, उसे गधे पर बिठाकर थप्पड़ लगाने चाहिए और सड़कों पर घुमाना चाहिए।”
अब कंगना रनौत की इस प्रतिक्रिया का असर पाकिस्तान में भी देखने को मिला है। दरअसल पाकिस्तानी फिल्म अभिनेत्री राबिया बट्ट ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “हाल ही में कंगना के ट्वीट और कुछ नहीं बल्कि अपना चेहरा बचाने की कोशिश है और वह इसे बखूबी इस्तेमाल कर रही है। मणिकर्णिका को लेकर उनकी और आलोचना ना हो, इसलिए कंगना देश की आवाज बन गई है।” राबिया ने अपने ट्वीट में कंगना को सलाह देते हुए लिखा कि “जो भी अपनी प्रोफेशनल लाइफ में परेशानी झेल रहा हो, उसे राष्ट्रवाद की बातें करनी शुरु कर देनी चाहिए।”
बता दें कि हाल ही में कंगना रनौत ने पुलवामा हमले को लेकर शबाना आजमी पर भी निशाना साधा था। जिन्होंने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान जारी रखने की वकालत की थी। अपने बयान में कंगना ने कहा था कि ‘शबाना आजमी जैसे लोग सांस्कृतिक आदान-प्रदान की बात कर रहे हैं। ये उन लोगों में से हैं जो ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ गैंग में से एक हैं। उन्होंने कराची में ही किसी कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया। जब पाकिस्तान के कलाकार उरी हमले के बाद से भारत में बैन हैं, ऐसे में अब शबाना आजमी उन्हें बचाने की कोशिश क्यों कर रही हैं। फिल्म इंडस्ट्री में देश-विरोधी लोगों की भरमार है, जो कि दुश्मनों के मनोबल को ऊंचा करता है, लेकिन फिलहाल निर्णायक एक्शन लेने का समय है। अब पाकिस्तान बैन पर फोकस नहीं होना चाहिए, बल्कि पाकिस्तान की तबाही पर फोकस होना चाहिए।’