एक्ट्रेस और मॉडल पूनम पांडे ने कुछ दिन पहले अपनी मौत की खबर फैलाई थी। अब खबर आ रही थी कि वो नरेंद्र मोदी सरकार के सर्वाइकल कैंसर जागरूकता अभियान का चेहरा बन सकती हैं। पीटीआई ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में इस खबर की जानकारी दी थी, रिपोर्ट में बताया गया कि पूनम पांडे और उनकी टीम पहले से ही मनसुख मंडाविया के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ इसपर बातचीत कर रही है। लेकिन अब स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया है। पूनम इस अभियान का चेहरा नहीं होंगी।
2 फरवरी की सुबह पूनम पांडे के इंस्टाग्राम हैंडल पर दावा किया गया था कि एक्ट्रेस की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई है। ये खबर आग की तरह फैली, लेकिन कोई भी इसपर यकीन करने को तैयार नहीं था। सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह के कयास लगाये जा रहे थे, तभी 24 घंटे बाद पूनम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि वह जिंदा है और उनकी मौत की खबर एक कैंपेन का हिस्सा थी।
जब से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों के सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नई पहल के बारे में बात की है, तब से सर्वाइकल कैंसर पर अलग-अलग तरीके से ध्यान केंद्रित करने की कोशिश हो रही है। लेकिन पूनम पांडे का ये तरीका न आम जनता को और न ही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लोगों को पसंद आया है।
पूनम पांडे ने भी दिया हिंट
पूनम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपने इस नए कार्य का हिंट दिया है। उन्होंने लिखा,”आइए मिलकर इस बीमारी के विनाशकारी प्रभाव को खत्म करने का प्रयास करें। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा कि सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए सरकार 9-14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के टीकाकरण को प्रोत्साहित करेगी।”
हालांकि पूनम पांडे को मौत की खबर फैलाने के लिए हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों को कैंसर है पूनम ने उनका मजाक बनाया है। जिसपर पूनम ने वीडियो शेयर कर बताया है कि उनकी मां की मौत भी सर्वाइकल कैंसर से हुई थी, उनका किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।