पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। पेट्रोल की कीमतों के मुद्दे पर साल 2014 से पहले जहां नरेंद्र मोदी कांग्रेस को घेरा करते थे अब उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए जाते हैं। अरविंद केजरीवाल ने भी मुख्यमंत्री बनने से पहले कहा था कि सरकारें पेट्रोल पर टैक्स क्यों माफ नहीं कर सकती जबकि बड़ी कंपनियों के करोड़ों रुपए माफ कर देती हैं। इसी बात को लेकर कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है और कहा है कि अब दोनों गजनी हो गए हैं।

अलका लांबा ने जी टीवी का एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें पेट्रोल पर टैक्स हटाने पर अरविंद केजरीवाल का पुराना भाषण संलग्न है। अलका लांबा ने वीडियो शेयर करते ट्वीट किया, ‘मोदी जी CM से PM हो गए, फिर गज़नी हो गए, सब भूल गए। केजरीवाल आम आदमी से CM हो गए, फिर वो भी गज़नी हो गए, सब भूल गए। आज कोई दोनों को उनके पुराने भाषण दिखा उनकी खोई याददाश्त वापस लौटाने में मदद करे। आज हर साल पेट्रोल डीज़ल पर 2 नहीं 4 लाख करोड़ टैक्स ले रही है।’

अलका लांबा ने अपने ट्वीट में अरविंद केजरीवाल को टैग भी किया है। अरविंद केजरीवाल का जो भाषण अलका लांबा ने शेयर किया है उसमें वो सरकार से पेट्रोल टैक्स हटाने की बात कह रहे हैं।

 

 

वीडियो में अरविंद केजरीवाल कहते दिख रहे हैं, ‘हर साल हमारे देश के अंदर पांच लाख करोड़ रुपए का टैक्स माफ करती है सरकार, बड़ी- बड़ी कंपनियों का। और पेट्रोल, डीजल पर हम लोगों से टैक्स लेती है। हम लोगों से 2 लाख करोड़ रुपए का पेट्रोल, डीजल और गैस के ऊपर टैक्स लेती है।’

 

आपको बता दें कि सरकार तेल के दाम बढ़ने पर यह सफाई देती है कि पेट्रोल डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बढ़ने के कारण बढ़ रहे हैं। लेकिन पेट्रोल डीजल पर जनता का आधे से अधिक पैसा केंद्र और राज्य सरकार को टैक्स के रूप में जाता है। पेट्रोल पर केंद्र सरकार राज्य सरकारों से अधिक टैक्स वसूल करती है।

 

हर राज्य सरकार का पेट्रोल डीजल पर बिक्री कर (VAT) अलग होता है। औसतन एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र सरकार 33 रुपए और राज्य सरकारें 20 रुपए टैक्स लेती हैं।