गणेशनंदन तिवारी
परवीन बाबी (4 अप्रैल 1949-20 जनवरी, 2005)
नागढ़ रिसायत से जुड़े वली मोहम्मद खान के यहां शादी के 14 सालों बाद 1949 में किसी संतान ने जन्म लिया था। बधाइयां गाईं शहनाइयां बजाई गईं। आजादी के बाद रिसायतें छिन्नभिन्न हो गईं, मगर खान साब का रुतबा कम नहीं था। यह इकलौती संतान थी परवीन बाबी। परवीन ने अंग्रेजी में बीए किया। 1972 में मॉडलिंग की दुनिया में ऐसा तहलका मचाया कि चार सालों में ‘टाइम’ के मुखपृष्ठ पर जा विराजीं। 1973 में ‘चरित्र’ से फिल्मों में उतरीं परवीन ने इसके निमार्ता-निर्देशक बीआर इशारा को खूब चक्कर लगवाए। मगर एक दर्जन फिल्में बना चुके और ‘चेतना’ जैसी लीक तोड़ने वाली फिल्म बनाकर हंगामा मचाने वाले इशारा ऐसे चिपकू निकले कि परवीन से हां कहलवा कर ही माने।
तब बॉलीवुड में सामाजिक फिल्मों का दौर जा रहा था और एक्शन फिल्में छाने लगी थीं। एंग्री यंगमैन परदे पर उतर चुका था, जिसके नशे का खुमार फिल्म प्रेमियों पर मादक पदार्थ की तरह धीरे-धीरे चढ़ रहा था। इसमें ग्लैमर के तड़के की जरूरत थी और यह ग्लैमर परवीन ने मुहैया करवाया। उनकी छवि उसके अनुकूल थी। खुलेआम सिगरेट, शराब ही नहीं लिव-इन रिलेशनशिप उनकी जीवनशैली थी, जिसने बॉलीवुड के समझदार कारोबारियों को उनकी ओर आकर्षित किया। उन्होंने बाबी को एंग्री यंगमैन के साथ ऐसा जोड़ा कि एक दो नहीं 11 फिल्मों में गुस्सैल नायक और ग्लैमरस नायिका का साथ चला। जोड़ी फिट, गाने हिट, फिल्में सुपर हिट। शोहरत और दौलत बाबी के कदम चूम रही थी।
शोहरत ऐसी पतंग है जो हमेशा आसमान में नहीं रहती। परवीन को भी इसी नियति का सामना करना पड़ा। 30 जुलाई, 1983 में वह अचानक गायब हो गईं। भारत छोड़ दुनिया के देशों में घूमने लगीं। पता चला अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी एअरपोर्ट पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि वह अपनी पहचान के दस्तावेज नहीं दिखा पाईं थीं। उन्हें ऐसे वार्ड में रखा गया जहां पहले से 30 मानसिक रोगी मौजूद थे। मगर इनके बीच भी इस बिंदास बाला को भारतीय काउंसल जनरल ने मुस्कराते देखा था।
नवंबर, 1989 में बाबी भारत लौटीं और उन्होंने तूफान खड़ा कर दिया। 11 फिल्मों में साथ काम करने वाले अमिताभ से उन्होंने जान का खतरा बताया। दुनिया के कई प्रमुख लोगों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। मगर यह प्याली में तूफान जैसा था। उन्हें पैरानाइड स्क्रीजोफेनिया का मरीज बताया गया। बाबी ने खुद को कालूमल इस्टेट के एक फ्लैट में बंद कर लिया। वह मधुमेह की मरीज थीं। पांव में गैंगरीन हो गया था। इसी फ्लैट में तीन दिनों तक उनकी लाश पड़ी रही। ढेर सारे दोस्त थे, मगर किसी ने खैरखबर नहीं ली। पोस्टमार्स्टम में पता चला कि उनके पेट में अन्न का एक दाना नहीं है। ऐसा दर्दनाक अंत शायद ही किसी अभिनेत्री के हिस्से में आया होगा।