Ghazal Singer Pankaj Udhas Death: मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) को उनकी गायिकी के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक गजलें और बॉलीवुड गाने गाए हैं। ‘चांदी जैसा रंग है तेरा…’ और ‘सोने जैसे बाल…’ जैसे पॉपुलर गाने गाए हैं। उनके गानों को लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। जब भी सिंगर के गाने बजते हैं तो लोगों के दिल के तार हिल जाते हैं। ऐसे में अब खबर सामने आ रही है कि 17 मई 1951 को जन्मे पंकज उधास का निधन हो गया है। उनका निधन किसी बीमारी के चलते हुआ है। हालांकि, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। पंकज बड़े परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्हें काफी नेम और फेम मिला है। लेकिन जीवनभर उन्हें केवल एक बात का मलाल रहा। ऐसे में चलिए बताते हैं उनके बारे में…
पंकज उधास के बड़े परिवार से ताल्लुक रखते थे। वो बड़े जमींदार के बेटे थे। उनके दो बड़े भाई हैं, जो पहले ही सिंगर थे। गायिकी उन्हें विरासत में मिली है। पंकज ने अपने करियर की पहली परफॉर्मेंस 10 साल की उम्र में दी थी। उन दिनों भारत-चीन का युद्ध चल रहा था। इस दौरान उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया था। उनका गाना ऑडिटोरियम में बैठे एक व्यक्ति को इतना पसंद आया था कि उसने 51 रुपए उन्हें इनाम में दिया था। यहां से पंकज का संगीत का सफर यहीं से शुरू हो गया था और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
‘कामना’ में मिला पहला ब्रेक
पंकज उधास के करियर की बात की जाए तो उन्हें पहला ब्रेक फिल्म ‘कामना’ से मिला था। इसके लिए उन्होंने गाना गाया था। इसके बाद वो कॉन्सर्ट करने लगे थे। वो अपनी गजलों के लिए देश-विदेश में मशहूर हो गए थे। फिल्म उन्होंने 1986 में आई महेश भट्ट की फिल्म ‘नाम’ के लिए गाना ‘चिट्ठी आई है’ गाया था। उनका ये गाना इतना बड़ा हिट रहा था कि इससे आज भी उन्हें याद किया जाता है।
जीवनभर रहा एक बात का मलाल
पंकज उधास ने अपनी गायिकी के दम पर इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया। उन्हें दौलत-शोहरत सबकुछ मिला। लेकिन, जीवनभर उन्हें एक बात का मलाल रह गया। उन्हें अफसोस रहा कि शराबियों के सिंगर का टैग दे दिया गया था। पंकज ने इस बात का जिक्र एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि अपने करियर में सैकड़ों गाने गाए थे। करीब 20-25 गाने ऐसे रहे थे, जो शराब और मयखाने से जोड़े थे। उन्होंने कहा था कि उनकी गायकी केवल शराब तक सीमित नहीं है बल्कि उनके रोमांटिक गाने ज्यादा पसंद किए गए हैं।