बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर पंकज त्रिपाठी बिहार के गोपालगंज जिले के एक बेलसंड गांव में पैदा हुए हैं। उनके पिता किसान और मंदिर के पुजारी थे और सादगी का जीवन जीते थे। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने अपने बचपन से जुड़े कई ऐसे किस्से सुनाए जिन्होंने उनका जीवन पूरा बदल दिया। पंकज त्रिपाठी ने ये भी बताया कि उनका असली सरनेम त्रिपाठी नहीं तिवारी था और कुछ बड़ा करने के लिए उन्होंने अपने पिता का सरनेम ही बदल दिया था।
एक्टर ने ये भी बताया कि स्कूल की लड़कियों को इंप्रेस करने के लिए वह साइकिल से स्टंट किया करते थे। इसके अलावा एक बार तैराकी सीखते समय उन्होंने कीड़े खा लिए थे।
इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने कहा,”मैं साइकिल पर स्टंट करता था क्योंकि एक लड़का था जो ऐसे स्टंट करता था और वह लड़कियों के बीच बहुत मशहूर था। मैं तब की बात कर रहा हूं जब में सातवीं या आठवीं क्लास में था। स्कूल में स्लो साइकिल रेस का आयोजन हुआ था तो वो लड़का विनर था और लड़कियों के बीच मशहूर हो गया था। इसलिए मैंने भी वो सब सीखा कि मैं भी अगले साल जीत जाऊंगा, लेकिन मैं हार गया। मैं विनर नहीं बना।”
तैराकी सीखने के लिए खा लिए थे कीड़े
पंकज त्रिपाठी ने वो समय भी याद किया जब स्विमिंग सीखने के चक्कर में उन्होंने कीड़े खा लिए थे। उन्होंने कहा,”मैं तैरना सीखना चाहता था। मेरे घर के पीछे एक नदी थी। नदी के पानी में छोटे-छोटे काले रंग की कीड़े तैर रहे थे। तो गांव के जो बच्चे थे वो बहुत शरारती थे, उन्होंने मुझे कहा कि अगर में उन कीड़ों को खाता हूं तो मैं तैरना सीख जाऊंगा। मैंने 10-20 कीड़े लिए और पानी के साथ उन्हें पी गया। शुक्र है कि मेरा पेट खराब नहीं हुआ।”
इस वजह से बदल दिया था पिता का सरनेम
पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने न केवल खुद का बल्कि अपने पिता का भी सरनेम बदल दिया था। पंकज ने कहा,”इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब पिता को बेटे ने नाम दिया हो। मैं अपनी 10वीं क्लास का एडमिट कार्ड भर रहा था, मेरे काका त्रिपाठी सरनेम लगाते थे और वह सरकारी अफसर बन गए थे। एक बाबा थे जो त्रिपाठी सरनेम लगाते थे और वो भी हिंदी के प्रोफेसर बन गए थे। जिनका तिवारी सरनेम था वो या तो पुजारी थे या फिर किसान। तो मुझे लगा कि ये सब सरनेम के कारण हो रहा है। मैं पुजारी या किसान नहीं बनना चाहता था तो मैंने फॉर्म में अपना सरनेम त्रिपाठी लिख दिया। मुझे लगा कि अगर मैं अपने पिता का सरनेम तिवारी लिखूंगा तो फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है, तो मैंने उनका सरनेम भी बदल दिया।”