देश से बाहर अवैध तरीके से संपत्तियों में इन्वेस्टमेंट को लेकर पनामा पेपर्स लीक्स मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस एश्वर्या राय बच्चन ने चुप्पी तोड़ते हुए सभी दस्तावेजों को झूठा करार दिया। देश से बाहर छिपी संपत्ति के मामले में सोमवार को लीक हुए दस्तावेजों में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और उनकी बहू एश्वर्या राय बच्चन का नाम भी लिया गया है। इन दस्तावेजों में फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं।
पूर्व मिस वर्ल्ड और अभिनेत्री एश्वर्या राय के मीडिया सलाहकार ने इन दस्तावेजों को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा करार दिया है। प्रमुख अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ऐश्वर्या राय देश से बाहर एक कंपनी की डायरेक्टर और शेयरहोल्डर थीं। उनके परिवार के सदस्यों की भी उसमें हिस्सेदारी थी। 2008 में इसे खत्म कर दिया गया। गौरतलब है कि पनामा पेपर्स लीक मामले में ऐश्वर्या और उनसे ससुर बिग बी ही नहीं बल्कि देश, विदेश के कई बड़े राजनीतिज्ञों के नाम शामिल हैं।
लेकिन इस बारे में ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे यह साबित हो कि इन कंपनियों का इस्तेमाल गलत कामों के लिए किया गया है। हालांकि पमाना मामले को लेकर ऐश ने भले ही चुप्पी तोड़ी हो, लेकिन अमिताभ बच्चन की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि पीएम मोदी ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर का संज्ञान लेते हुए मामले की गहराई से जांच करने आदेश दे दिए हैं।
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अमिताभ बच्चन
इस संबंध में अमिताभ बच्चन से कई बार पूछा गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। उन्हें ई-मेल भेजे गए, मोबाइल पर कॉल्स भी किए गए, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिली। हालांकि, एबी कॉर्प ने ई-मेल मिलने की पुष्टि जरूर की है।
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समीर गहलोत
समीर गहलोत ने ईमेल के जरिए कहा कि, इंडियाबुल्स की सबसियडरी क्लाइवडेल ओवरसीज लिमिटेड (बहामास) के यूके में निवेश की सारी जानकारी आरबीआई को दी गई है। वहीं कंपनी के एक टॉप अधिकारी अजीत मित्तल ने ईमेल के जरिया बताया कि क्लाइवडेल और इंडियाबुल्स में कोई आर्थिक लेन-देन या आपसी हितों की समानता नहीं हैं।
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शिशिर बाजोरिया
पश्चिम बंगाल के कारोबारी और भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने बताया कि उनका परिवार प्राइवेट कंपनी के जरिए आईएफजीएल रेफ्रेक्ट्ररीज लिमिटेड में शेयरहोल्डर हैं। साथ ही मेरी पत्नी और मैं सोनिश लिमिटेड में शेयर होल्डर हैं। हेप्टिक बीवीआर्इ लिमिटेड में मेरा कोई मालिकाना हक नहीं है और न ही था। मुझे लगता है कि मेरा इससे कनेक्शन जोड़ना भूलवश हो गया।
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ओंकार कंवर
अपोलो टायर्स के एक प्रवक्ता ने बताया कि भारत में कानूनी रूप से विदेशी निवेश की अनुमति है। कंवर परिवार का अगर कोई भी निवेश विदेश में है तो वह भारतीय कानून के अनुरूप ही है। ज्यादातर परिवार एनआरआर्इ है। उन पर भारतीय कानून और सीमाएं लागू नहीं होती हैं।
हरीश साल्वे
साल्वे ने कहा कि मैंने 2012 में क्रेस्टब्राइट का गठन किया था। मैंने इसका गठन पूरी तरह कानूनी और उजागर किए गए निवेश के तहत किया था। कंपनी के पास न तो कोई संपत्ति है और न ही आय है।
केपी सिंह
केपी सिंह ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए उन्होंने पूरे मसले पर सफाई देते हुए कहा कि आरबीआई के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। तय सीमा में ही रकम जमा की। आरबीआई नियमों के मुताबिक, भारतीय नागरिक विदेश में खाता खेल सकते हैं। केपी ने आगे कहा, चूंकि शेयर (Liberalised Remittance Scheme) LRS के तहत खरीदे गए थे। ऐसे में फेमा को इसकी जानकारी देना आवश्यक नहीं है। हमारे इन्कम टैक्स रिटर्न विदेशी संपत्ति का ब्योरा हर साल दिया जाता है।
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