पाकिस्तानी एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हुमायूं सईद ने कहा है कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों पर लगाया गया प्रतिबंध सही नहीं है। बीबीसी उर्दू से बातचीत में सईद ने कहा, “अभी पाकिस्तानी सिनेमा को भारतीय फिल्मों की जरूरत है। स्थानीय फिल्मों के दम पर हमारा सिनेमा नहीं बरकरार रह सकता। सिनेमा को हर हफ्ते एक फिल्म की जरूरत होती है और पाकिस्तान में इतनी फिल्में नहीं बनतीं।” सईद ने कहा कि पाकिस्तानी सिनेमा मालिकों को “संयम बरतना चाहिए” और “भारत की राह पर नहीं चलना चाहिए”, खास तौर पर तब जब “हम मानते हैं कि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाना गलत है।” पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित आर्मी कैंप पर 18 सितंबर को दिए आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे। उरी हमले के बाद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र निर्माण सेना (एनएनएस) ने भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी एक्टरों और कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। वहीं मुंबई के फिल्म निर्माताओं के एक संघ ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर अस्थाई रोक लगा दी।
वीडियो: पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में काम करने पर लगा प्रतिबंध-
हुमायूं सईद ने कहा कि उन्होंने कभी भी भारतीय फिल्मों को पाकिस्तान में प्रतिबंध लगाने का समर्थन नहीं किया। उन्होंने बस ईद-उल-फितर और ईद- उल-अज़हा जैसे त्योहारों पर ही स्थानीय फिल्मों को तरजीह देने की मांग की है। उन्होंने कहा “बाकी साल भर भारतीय फिल्मों पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।” 30 सितंबर को लाहौर और कराची के सिनेमा मालिकों ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाए जाने और पाकिस्तानी सेना के संग एकजुटता दिखाने के लिए भारतीय फिल्में न दिखाने का फैसला किया था।
पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में काम करने पर प्रतिबंध लगाने के मसले पर भारतीय फिल्म जगत भी दो हिस्सों में बंट गया है। सलमान खान, अनुराग कश्यप और करण जौहर जैसे फिल्मी हस्तियों ने पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध को उचित नहीं माना है। वहीं हेमा मालिनी, ऋषि कपूर, नाना पाटेकर और रितेश देशमुख इत्यादि ने इस प्रतिबंध को सही बताया है।
वीडियो: नाना पाटेकर ने भारतीय सैनिकों पर कमेंट- [jwplayer qdqYVOTp-gkfBj45V]