Oscars 2023: एंटरटेनमेंट वर्ल्ड के सबसे बड़े सम्मान ऑस्कर अमेरिका के लॉस एंजलिस में शुरू हो चुका है। इस साल भारतीयों की ऑस्कर में खास दिलचस्पी है क्योंकि इस साल फंक्शन में भारत की तीन फिल्में अलग-अलग कैटेगरी में नॉमिनेट हुईं। जिसमें से पहली फिल्म एसएस राजामौली की RRR है, इस फिल्म का ‘नाटु-नाटु’ गाना ऑरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में नॉमिनेट हुआ है। दूसरी फिल्म ‘ऑल दैट ब्रीथ’, इसका नॉमिनेशन बेस्ट डॉक्युमेंट्री के लिए हुआ।

वहीं तीसरी फिल्म ‘द एलिफेंट विस्पर्स’ है, जिसका नॉमिनेशन बेस्ट शॉर्ट फिल्म के लिए हुआ। हांलाकि ‘ऑल दैट ब्रीथ’इस रेस से बाहर हो गई है। तो वहीं भारत की तरफ से नॉमिनेट हुई द एलिफेंट व्हीस्पर्स ने ऑस्कर ने बाजी मार ली है। ऑस्कर 2023 भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल भारतीय एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण अवार्ड प्रेंजेंट किया है। बता दें, दीपिका पादुकोण तीसरी भारतीय एक्ट्रेस हैं जो ऑस्कर में अवार्ड प्रेजेंटेटर के रूप में चुनी गई हैं। ऑस्कर को कला जगत का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। 95th अकेडमी अवॉर्ड्स के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं इस अवॉर्ड से जुड़े रोचक तथ्य।

कैसे हुई थी ऑस्कर की शुरुआत

सबसे पहले इस अवॉर्ड को एमजीएम स्टूडियो के डायरेक्टर लुइस बी मेयर, मेयर और उनके तीन गेस्ट्स एक्टर कॉनरेड नागेल, डायरेक्टर फ्रेड निबलो और प्रोड्यूसर फीड बीटसोन ने फिल्म इंडस्ट्री को फायदा पहुंचाने के लिए एक संगठन बनाने पर विचार किया था। ऑस्कर का पहले नाम एकेडमी अवॉर्ड था। 11 मई, 1927 को बि‍ल्ट मोर होटल में इस एकेडमी को एक NGO के तौर पर अनुमति मिली।

संगठन में शुरू-शुरू में एक्टर, डायरेक्टर, राइटर और टेक्नीशियन्स की ब्रांच बनाई गई। एकेडमी बनने के बाद सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स सेरेमनी हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल में आयोजित हुआ था। सबसे पहले इस अवार्ड को एमजीएम स्टूडियो के डायरेक्टर केड्रिक गिबोन्स ने बनाया था। इस अवॉर्ड को एक्टर एमिलियो फर्नांडिस की नेक्ड फोटो से इंस्पायर होकर बनाया गया है। इसे लॉस एंजिल्स के मूर्तिकार जॉर्ज स्टेनले ने बनाया था।

विनर को पैसा कितना मिलता है?

ऑस्कर की अवॉर्ड में किसी प्रकार का कैश प्राइज नहीं दिया जाता है। इस अवॉर्ड में सिर्फ यही ट्रॉफी मिलती है। हालांकि अवॉर्ड जीतने वाले कलाकार की मार्केट वैल्यू बढ़ जाती है। ऑस्कर अवॉर्ड कांस्य का होता है और उसके ऊपर 24 कैरेट की सोने की परत होती है। ये अवॉर्ड 13.5 इंच लंबा होता है और इसका वजन 450 ग्राम का होता है। एक ऑस्कर अवॉर्ड को बनाने में 1000 डॉलर यानि करीब 82 हजार रुपये की लागत आती है। करीब 50 ऑस्कर अवॉर्ड बनाने के लिए एक महीने का समय लगता है। ऑस्कर विजेता अपनी ट्रॉफी को बेच नहीं सकता है। अगर वह ट्रॉफी बेचना ही चाहता है तो एकेडमी को बेच सकता है। जिसकी कीमत सिर्फ 1 डॉलर रखी जाती है।