आॅस्कर में प्रतिस्पर्धा करने वाली भारतीय फिल्म को लगभग एक करोड़ रुपए मिल सकते हैं जबकि कान या वेनिस में दावेदारी करने वाली फिल्म को करीब 50 लाख रुपया मिल सकता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय विदेशों में मान्यता प्राप्त करने की कोशिश करने वाली फिल्म निर्माताओं की मदद के लिए कोष बनाने की योजना बना रहा है। वहीं भारत को फिल्म शूटिंग के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के एक अन्य कदम के तहत मंत्रालय ने गृह और विदेश मंत्रालयों से संपर्क कर विदेशी फिल्म निर्माताओं के लिए एक विशेष श्रेणी के वीजा की मांग की। विभाग के राज्य मंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ ने बताया कि फिल्म निर्माताओं की मदद के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है क्योंकि वे लोग बड़े अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सवों में पुरस्कार जीतने की कोशिश करते हैं।
मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव के मुताबिक, केंद्र ऐसे फिल्म निर्माताओं को विभिन्न देशों की यात्रा, अपनी फिल्मों की प्रदर्शनी करने, सिनेमाघर किराए पर लेने आदि के लिए सहायता मुहैया करा सकता है। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव को लागू करने से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने बताया कि प्रस्ताव को लागू करने से पहले कैबिनेट की मंजूरी लेने की जरूरत होगी। इसके अलावा मंत्रालय यह सुनिश्चित करना चाहता है।
कि जिन शहरों की आबादी एक लाख और इससे ज्यादा है वहां कम से कम तीन एफएम चैनल होने चाहिए जिनके लिए आने वाली नीलामियों में आधार मूल्य को कम रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि एफएम चैनलों को अपना खुद का न्यूज बुलेटिन प्रसारित करने की इजाजत देना मुश्किल है क्योंकि इतने सारे चैनलों की निगरानी संभव नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि इन चैनलों को आकाशवाणी के बुलेटिनों का इस्तेमाल करने का विकल्प दिया गया है।